रायपुर : Scam in Chhattisgarh : 2024 में जब पूरा देश लोकसभा चुनाव की दहलीज पर खड़ा है तब प्रदेश में पिछली कांग्रेस सरकार के शासनकाल में हुए करीब आधा दर्जन घोटालों पर जांच की जा रही है। कार्रवाई जारी है, यहां तक की विधानसभा के बजट सत्र में भी घोटालों पर ज्यादा सवाल और बवाल की स्थिति है। क्या ये सब चुनावी साल को देखते हुए जानबूझकर हो रहा है, क्या मामले में वाकई बड़े सफेदपोशों तक जांच की आंच और कार्रवाई की तलवार का वार होगा।
Scam in Chhattisgarh : चुनावी सीजन में पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए घोटालों पर आरोप-प्रत्यारोप ने सियासी माहौल में गर्मी बढा दी है। महादेव एप घोटाला- सबसे बड़े, चर्चित और हाई प्रोफाइल महादेव बुक सट्टा एप घोटाले में एक्शन जारी है। आरोप हैं कि नियम-प्रावधानों की कमी की आड़ में महादेव सट्टा एप के जरिए पिछली सरकार और तत्कालीन अफसरों के संरक्षण में बड़ा हवाला खेल खेला गया। भाजपा विधायक राजेश मूणत मामले की जांच CBI की मांग की है।
मामले में कुल 28 शिकायतें प्राप्त हुईं, अब तक 90 FIR दर्ज हुई हैं, 67 प्रकरणों में से 54 में चालान पेश चुका है, दुबई में बैठे आरोपियों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी हो चुका है, रेड कॉर्नर नोटिस दिया गया है, संपत्ति कुर्की और प्रत्यर्पण की तैयारी है, एप से जुड़े बैंक अकाउंट फ़्रीज किये गए हैं। संबंधित अधिकारियों में से दो जेल में हैं, कुछ सस्पेंड हैं। ऑनलाइन गेमिंग-बेटिंग एप के लिए नये प्रावधान जोड़े गए हैं जांच जारी है।
Scam in Chhattisgarh : कोल घोटाला- विधायक राजेश मूणत ने सदन में मुद्दा उठाया है आरोप हैं कि कोल परिवहन के नाम पर कांग्रेस शासनकाल में जमकर अवैध वसूली हुई, 2020 में तत्कालीन खनिज विभाग संचालक समीर विश्नोई ने ऑनलाइन प्रक्रिया को बदलते हुए ऑफलाइन करने बावत आदेश दिया। एक्शन- विश्नोई अभी जेल में है,जांच जारी है जिसे ACB के साथ-साथ ED भी जांच कर रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने एक बार फिर कोल परिवहन प्रक्रिया को ऑनलाइन करने की घोषणा कर दी है।
PSC घोटाला- आरोप है कि कांग्रेस शासन काल में PSC भर्ती परीक्षा में बड़े और जिम्मेदार अफसरों और नेताओं के बच्चों को परीक्षा में अनुचित लाभ दिया गया। सरकार ने बताया कि मामले में EOW एक के बाद एक FIR दर्ज कर रही है। बुधवार को भी EOW ने छत्तीसगढ़ के पूर्व चेयरमैन टामन सोनवानी, जीवन किशोर ध्रुव समेत कई कांग्रेसी नेताओं पर भी FIR दर्ज कर ली है।
यह भी पढ़ें : मुंबई में शिवसेना (UBT) नेता के बेटे को मारी गई गोली, इलाके में मची अफरातफरी
Scam in Chhattisgarh : इसी तरह से रेत घोटाला, बिना निगम और NHAI अनुमति के 2 करोड़ की लागत से तेलीबांधा में डिवाइडर निर्माण मुद्दा और आत्मानंद स्कूल में मेंटेनेंस घोटाले के आरोप हैं। सत्ता पक्ष इन सभी आरोपों के जरिए कांग्रेस को घोटालेबाज कहते हुए जमकर घेर रही है तो कांग्रेस पूरी ताकत से इसे बीजेपी की साजिश बताते हुए पलटवार कर रही है।
प्रदेश की जनता भरोसे से सरकार चुनती है, देश-प्रदेश की संपत्ति-संसाधन पर हर नागरिक का पूरा हक है और अगर कोई उस हक पर डाला डाले, धोखा करे, माफिया के हवाले करे तो सवाल उठना लाजिमी है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल है इन गंभीर आरोपों की कितनी गंभीरता से जांच हो रही है? क्या सभी आरोप सियासी हैं या फिर अब मामले पर सियासत की जा रही है ?