‘संकल्प’ का सार, राम करेंगे बेड़ा पार! भाजपा के पास शपथ और संकल्प का विकल्प क्या?
CHHATTISAGRH KI BAAT : प्रदेश में कांग्रेस ने संकल्प शिविर का आगाज कर दिया है। मकसद है दोबारा राज्य की सत्ता पर काबिज होना।
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रायपुर : CHHATTISAGRH KI BAAT : प्रदेश में कांग्रेस ने संकल्प शिविर का आगाज कर दिया है। मकसद है दोबारा राज्य की सत्ता पर काबिज होना। सीएम भूपेश बघेल ने रायपुर की दो शहरी विधानसभाओं से मंत्रोच्चार के बीच शंखनाद करते हुए पार्टी के दिग्गजों ने कार्यकर्ताओं में जोश भरा। विचारधारा की लड़ाई में जीत का संकल्प दिलाया गया, तो कांग्रेस की इस कवायद पर भाजपा निशाना साध रही है, लेकिन सवाल ये है कि, भाजपा के पास क्या है शपथ और संकल्प का विकल्प? और परसेप्शन की पॉलिटिक्स से किसको होगा फायदा?
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CHHATTISAGRH KI BAAT : मंत्रोच्चार के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शंखनाद कर कांग्रेस के संकल्प शिविर की शुरुआत की। चुनावी मोर्चे पर विपक्ष का डटकर मुकाबला करने और जीत के संकल्प की इस शंखनाद के साथ कार्यर्ताओं में जोश भरा गया। उन्हें संकल्प दिलाया गया कि टिकट किसी को भी मिले, एकजुट होकर जिताना कांग्रेस को है। CM भूपेश बघेल ने कहा कि कांग्रेस की ताकत उसकी विचारधारा है। कांग्रेस प्रेम व भाईचारा की बात करती है। पार्टी की प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा और प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने हुंकार भरी कि अगले दस साल तक हम सरकार में रहेंगे।
इससे पहले संकल्प शिविर की श्रीराम भजन से हुई। रायपुर का दीनदयाल ऑडिटोरियम में ‘राम-सियाराम’ से गूंज उठा। सत्ता पक्ष के संकल्प को भाजपा ने विकल्प शिविर बताया। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस के इतिहास को पूरी दुनिया जानती है। वे लोग संकल्प तोड़ने में माहिर हैं।
CHHATTISAGRH KI BAAT : सत्ता के लिए शपथ, संकल्प और विकल्प का सियासी संग्राम जारी है। चुनावी साल के महीने जैसे-जैसे बीत रहे हैं, परसेप्शन की पॉलिटिक्स नए आकार लेने लगी है।

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