एडसमेटा का सच...कौन है 8 साल पहले हुई 8 मौतों का जिम्मेदार? |Truth of Adsmeta...Who is responsible for 8 deaths that happened 8 years ago?

एडसमेटा का सच…कौन है 8 साल पहले हुई 8 मौतों का जिम्मेदार?

एडसमेटा का सच...कौन है 8 साल पहले हुई 8 मौतों का जिम्मेदार? Truth of Adsmeta...Who is responsible for 8 deaths that happened 8 years ago?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:31 PM IST, Published Date : September 11, 2021/11:00 pm IST

रायपुर: बीजापुर के एडसमेटा में कथित फर्जी मुठभेड़ की जांच पूरी हो चुकी है। हाल ही में आयोग ने जांच पूरी कर 126 पेज की रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। हालांकि सरकार ने रिपोर्ट को अभी सार्वजनिक नहीं किया है। लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तमाम बयानों को दर्ज करने के बाद आयोग ने मुठभेड़ को फर्जी पाया है। अब सवाल उठ रहा है कि ये क्या है एडसमेटा का सच? 8 साल पहले हई 8 मौतों का जिम्मेदार कौन है?

Read More: महिला को पति और ससुराल वालों ने बेरहमी से पीटा, शक था कि किसी और से चल रहा अफेयर, वीडियो वायरल

साल- 2013 में 17-18 मई की दरम्यानी रात यहां कुछ ऐसा हुआ, जिसने इस हंसते-खेलते गांव की बोलती बंद कर दी है। ये उस रात की बात है, जब एडसमेटा के लोग बीजपुंडम के जलसे की तैयारी कर रहे थे। हर तरफ त्योहार की रौनक छाई हुई थी। अचानक चारों तरफ से गोलियों की बौछार होने लगी। कोई कुछ समझता, इससे पहले ही गांव के 8 लोग दम तोड़ चुके थे। गोलीबारी में जान गंवाने वालों में 4 मासूम बच्चे भी थे, जिसे ग्रामीणों ने और उस समय विपक्ष में रही कांग्रेस ने घटना को फर्जी मुठभेड़ बताया था, जिसकी जांच के लिए तत्कालीन बीजेपी सरकार ने इस मामले में जस्टिस बीके अग्रवाल की अध्यक्षता में न्यायिक जांच आयोग गठित किया था। एडसमेटा में कथित फर्जी मुठभेड़ की जांच पूरी हो चुकी है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि मुठभेड़ में निर्दोष ग्रामीण मारे गए हैं। घटना के 8 साल बाद आयोग ने जांच पूरी कर 126 पेज की रिपोर्ट सरकार को सौंपी है। हालांकि सारकेगुड़ा मामले से सबक लेते हुए सरकार रिपोर्ट की गोपनीयता पर ध्यान दे रही है।

Read More: किसान की आय नहीं कर्ज बढ़ा! देश का पेट भरने वाला जब अपने परिवार का पेट ना भर सके तो क्या करे? राहुल गांधी

जानकारी के मुताबिक आयोग ने पीड़ित पक्ष के 12 और सुरक्षा बल के 9 गवाहों को मिलाकर कुल 21 लोगों का बयान दर्ज किया है। अभी जांच रिपोर्ट कैबिनेट में रखी है, जिसे विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा। इस वजह से पूरी तरह से साफ नहीं हो पाया है कि जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट में क्या तथ्य पेश किए हैं। लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तमाम बयानों को दर्ज करने के बाद आयोग ने मुठभेड़ को फर्जी पाया है। हालांकि विपक्ष आरोप लगा रहा है कि जब रिपोर्ट की चर्चा विधानसभा में होनी है, तो मीडिया में इसकी जानकारी कैसे लीक हुई।

Read More: सोशल मीडिया पर कई नेताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करना पड़ा भारी, इस शख्स के खिलाफ मामला दर्ज

जांच आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरक्षाकर्मियों ने घबराहट में गोलियां चलाई होंगी। आयोग ने सुरक्षाबलों के काम में कई खामियां पाई। ये भी कहा गया है कि मारे गए आदिवासी निहत्थे थे और गोलियां चलने से सभी मारे गए। जांच रिपोर्ट के संबंध में सरकार की ओर अभी कुछ भी अधिकृत तौर पर नहीं कहा गया है, लेकिन एडसमेटा में जिन लोगों ने अपनों को खोया। उन्हें 8 साल बाद भी इंसाफ का इंतजार है।

Read More: नेशनल लोक अदालत में 50 हजार से अधिक मामलों का निराकरण, मोटर दुर्घटना के 63 प्रकरणों में 1.89 करोड़ रुपए का अवार्ड पारित

 
Flowers