सौरभ सिंह परिहार/रायपुर : छत्तीसगढ़ के सियासी मुद्दों में धर्मांतरण की तपिश कुछ अलग ही नजर आ रही है। प्रदेश में चुनावों से पहले केंद्रीय नेताओं के दौरे जारी हैं, जो सत्ता के संग्राम में तमाम मुद्दों पर भूपेश सरकार को घेर रहे हैं। केशकाल के दौरे पर पहुंचे भाजपा के फायरब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने धर्मांतरण के मुद्दे पर भूपेश सरकार को कटघरे में खड़ा किया। कहा कि प्रदेश सरकार धर्मांतरण के खिलाफ कोई कड़ा फैसला नहीं ले रही है। बीजेपी की सरकार बनी तो धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाया जाएगा। धर्मांतरण रुकेगा तभी आदिवासी बचेगा।
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मुद्दा धर्मांतरण का है, सवाल कानून व्यवस्था पर उठा तो मुख्यमंत्री भूपेश ने गिरिराज सिंह के बयान पर पलटवार किया और आंकड़े भी बता दिए कि रमन सरकार के कार्यकाल में सबसे ज्यादा चर्च बने।
भाजपा बहुत पहले से ही धर्मांतरण के मुद्दे पर हमलावर है। गिरिराज सिंह ने धर्मांतरण की चिंगारी को हवा देने की कोशिश की। चुनाव के पहले भाजपा लगातार बस्तर, सरगुजा समेत कई इलाकों में धर्मांतरण का मुद्दा उठा रही है। आने वाले वक्त में इस मुद्दे पर टकराव और बयानों की गरमाहट और बढ़ेगी, क्योंकि चुनावी समर में ये बड़ा मुद्दा होगा। जिसके जरिए आदिवासी इलाकों में भाजपा कांग्रेस को पछाड़ने की पूरी कोशिश करेगी। जाहिर है कि कांग्रेस, बीजेपी की इस रणनीति पर पूरी नजर रख रही है। लेकिन सियासत से दूर.. उम्मीद यही होनी चाहिए कि ऐसे मुद्दों से प्रदेश की शांति और सद्भाव पर कोई असर न हो।