Vishnu Ka Sushasan: पीएम सूर्यघर योजना से मुफ्त बिजली की राह हुई आसान, सौर ऊर्जा से समृद्धि की ओर बढ़ रहा छत्तीसगढ़, साय सरकार की नीतियों से खिले चेहरे

पीएम सूर्यघर योजना से मुफ्त बिजली की राह हुई आसान, Vishnu Ka Sushasan: PM Surya Ghar Yojana makes the path of free electricity easy

Vishnu Ka Sushasan: पीएम सूर्यघर योजना से मुफ्त बिजली की राह हुई आसान, सौर ऊर्जा से समृद्धि की ओर बढ़ रहा छत्तीसगढ़, साय सरकार की नीतियों से खिले चेहरे
Modified Date: August 20, 2025 / 12:00 am IST
Published Date: August 19, 2025 11:33 pm IST

रायपुरः सुशासन को मूलमंत्र मानने वाली छत्तीसगढ़ सरकार विकास के नए आयाम गढ़ रही है। साय सरकार हर वर्ग के आर्थिक उन्नति के लिए प्रयास कर रही है। केंद्र की योजनाओं की प्रदेश में सही ढंग से क्रियान्वित कर हर वर्ग के लोगों को लाभ पहुंचा रही है। केंद्र सरकार द्वारा संचालित पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से अब हमारा छत्तीसगढ़ सौर ऊर्जा से समृद्धि की ओर बढ़ रहा है। दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार अवीनीकरण ऊर्जा पर निर्भरता को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना संचालित कर रही है। छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने भी इस योजना में अपनी हिस्सेदारी जोड़ दी है, जिसके तहत राज्य सरकार केंद्र द्वारा दी जा रही सब्सिडी के अतिरिक्त स्वयं की ओर से भी आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है।

Read More : Mumbai monorail incident: दो स्टेशन के बीच फंसी मोनोरेल ट्रेन, अब तक 585 यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया 

 ⁠

पूर्व में केंद्र सरकार इस योजना के अंतर्गत घरेलू उपभोक्ताओं को सोलर पैनल लगाने पर 60% तक की सब्सिडी देती थी। छत्तीसगढ़ सरकार अब इस सब्सिडी में अपनी भागीदारी जोड़कर उपभोक्ताओं को सब्सिडी प्रदान कर रही है। यानी, एक सामान्य 3 किलोवाट क्षमता वाले सोलर सिस्टम की लागत लगभग ₹1.5 लाख होती है, जिसमें अब उपभोक्ता को केवल ₹30,000-₹40,000 ही वहन करना होगा। छत्तीसगढ़ सरकार और बैंकिंग संस्थाओं के बीच हुए करार के तहत अब उपभोक्ताओं को 6.5% की रियायती ब्याज दर पर 10 वर्षों के लिए ऋण सुविधा उपलब्ध करवा रही। इससे मासिक ईएमआई बेहद कम हो जाएगी। इतना कम कि यह आपके मौजूदा मासिक बिजली बिल से भी कम हो सकता है। इसका अर्थ है कि उपभोक्ता हर माह बिजली का बिल देने के बजाय अब सोलर सिस्टम का ईएमआई देगा और कुछ वर्षों बाद जीवनभर मुफ्त बिजली का आनंद लेगा।

बिजली बिल में दिख रहा असर

अतिरिक्त कमाई कर सकता है आम आदमी

सूर्य ऊर्जा से उत्पादित बिजली यदि आपके घर की खपत से अधिक है, तो वह अतिरिक्त बिजली राज्य की डिस्कॉम कंपनियों को ग्रिड के माध्यम से बेची जा सकती है। इस अतिरिक्त बिक्री से उपभोक्ता को आय होगी, जिससे वह न केवल अपने निवेश की भरपाई कर सकेगा बल्कि एक अतिरिक्त आमदनी का साधन भी विकसित होगा। 2 किलोवॉट या अधिक क्षमता वाले प्लांट लगाने वाले उपभोक्ता प्रतिमाह 200 यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन 25 साल तक कर सकते हैं, जो हॉफ बिजली योजना से मिलने वाली अधिकतम छूट (400 यूनिट पर 200 यूनिट रियायत) से भी ज्यादा है। ऐसे उपभोक्ता अपने घर में सौर ऊर्जा से उत्पन्न विद्युत का उपयोग कर न सिर्फ बिजली खर्च से मुक्ति पा सकते हैं, बल्कि अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में प्रवाहित कर आय भी अर्जित कर सकते हैं।

योजना के प्रमुख लाभ

  •  केंद्र और राज्य सरकार से डबल सब्सिडी सीधे खाते में
  •  एक बार सोलर पैनल लग जाने के बाद 20 से 25 साल तक मुफ्त बिजली
  •  लगातार और भरोसेमंद बिजली की आपूर्ति
  •  बिजली कटने की परेशानी से छुटकारा
  •  जरूरत से ज्यादा बिजली बेचकर आमदनी
  •  स्वच्छ और हरित जीवनशैली को बढ़ावा

31 लाख परिवारों को पुनरीक्षित हॉफ बिजली बिल योजना का लाभ

छत्तीसगढ़ सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं को राहत देने वाली हॉफ बिजली बिल योजना के अंतर्गत दी जाने वाली 400 यूनिट की मासिक छूट की सीमा में युक्तियुक्त संशोधन करते हुए अब 100 यूनिट तक की मासिक खपत पर 50 प्रतिशत की रियायत देने का निर्णय लिया है। वर्तमान में राज्य में लगभग 45 लाख घरेलू उपभोक्ता परिवार हैं, जिनमें से 31 लाख परिवारों की मासिक खपत 100 यूनिट से कम है। यह लगभग 70 प्रतिशत उपभोक्ताओं का प्रतिनिधित्व करता है। अतः इस संशोधन के बावजूद, इन 31 लाख जरूरतमंद सामान्य एवं कमजोर वर्ग के उपभोक्ताओं को योजना का लाभ पूर्ववत मिलता रहेगा। इन 31 लाख परिवारों में 15 लाख बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवार भी शामिल हैं, जिन्हें पूर्ववत 30 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलती रहेगी। इसके साथ ही वे हॉफ बिजली बिल योजना के तहत अन्य सभी लाभों से भी यथावत लाभान्वित रहेंगे।


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।