शह मात The Big Debate: डेडलाइन पर अविश्वास..कांग्रेस किसके साथ? नक्सली खात्मे को लेकर क्यों सवाल उठा रही कांग्रेस?
Chhattisgarh News: डेडलाइन पर अविश्वास..कांग्रेस किसके साथ? नक्सली खात्मे को लेकर क्यों सवाल उठा रही कांग्रेस?
Chhattisgarh News | Photo Credit: IBC24
- छत्तीसगढ़ सरकार का दावा — मार्च 2026 तक प्रदेश पूरी तरह नक्सल मुक्त होगा
- कांग्रेस ने जताई शंका — कहा, यह दावा सिर्फ राजनीतिक बयान है
- सरकार का पलटवार — 70 नए कैंप और विकास कार्यों से नक्सली बैकफुट पर आए
रायपुर: Chhattisgarh News प्रदेश की सबसे गंभीर समस्या नक्सवाद पर सत्तापक्ष का दावा है कि 2026 में प्रदेश से नक्सलवाद का खात्मा तय है लेकिन विपक्ष के पास इस दावे के उलट शंका और सवालों का पिटारा है। शंका नक्सिलयों के लिखे लेटर पर शंका सरेंडर पर, शंका मारे गए नक्सलियों की संख्या पर सीधे-सीधे कहें तो सवाल ये है कि आखिर विपक्ष को इस बात पर भरोसा क्यों नहीं हो पा रहा है कि अगले साल तक प्रदेश में नक्सल हिंसा खत्म होगी। क्या तर्क हैं विपक्ष के पास इसके पीछे, क्या जवाब है विपक्ष के सवालों का सरकार के पास?
Chhattisgarh News तो छत्तीसगढ़ में डबल इंजन सरकार का दावा है कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद का पूूर्ण सफाया तय है, लेकिन विपक्ष इस बात पर यकीन ही नहीं कर पा रहा है कि प्रदेश नक्सल हिंसा से मुक्त होने जा रहा है। कैबिनेट मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने दावे से कहा कि पहले बीजेपी की रमन सरकार के वक्त सरगुजा अंचल नक्सल मुक्त हुआ और अब 2026 में डबल इंजन सरकार नक्सलियों को जड़ से समाप्त करेगी जबकि, प्रदेश देख चुका है कि बीच में कांग्रेस सरकार के 5 साल में नक्सली खूब फले-फूले, उनमें कोई इच्छा शक्ति नहीं थी।
एक तरफ कांग्रेस 2026 तक नक्सलवाद से मुक्त होने पर शंका जताती है तो, दूसरी तरफ नक्सलियों के बैकफुट पर जाने के लिए अपने कार्यकाल में नक्सल क्षेत्रों में 70 कैंप खोलने, विश्वास और विकास का माहौल बनाने दावा भी पेश करती है…कांग्रेस का दावा है कि 5 साल तक नक्सलवाद को सिमटाते हुए पिनपॉइंट पर ला खड़ा किया, पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म होना संभव ही नहीं है।
पहले मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए सवाल उठाए, फिर मारे गए नक्सिलयों के बारे में सुबूत मांगे गए, नक्सलियों के पत्र पर शंका जताई गई, सरेंडर किए नक्सलियों के वारदातों में लिप्त रहने के रिकॉर्ड मांगे गए और अब कांग्रेस सरकार में गृहमंत्री रहे नेता 2026 तक नक्सल सफाए को सिरे से खारिज कर रहे हैं, सवाल ये है कि आखिर विपक्ष को नक्सलियों के खात्मे पर भरोसा क्यों नहीं है?

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