Chaitanya Baghel Latest News: जेल से बाहर आएंगे पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे चैतन्य बघेल? हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला, इस बात को लेकर लगाई थी याचिका
जेल से बाहर आएंगे पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे चैतन्य बघेल? Will former Chief Minister's son Chaitanya Baghel be released from jail? High Court reserves decision
Chaitanya Baghel Latest News. Image Source- IBC24
- चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित।
- ED का दावा – शराब घोटाले से चैतन्य को ₹16.70 करोड़ मिले।
- घोटाले में ₹2000 करोड़ से ज्यादा की हेराफेरी, कई बड़े अधिकारी और व्यापारी आरोपी।
बिलासपुर: Chaitanya Baghel Latest News: छत्तीसगढ़ के कथित शराब घोटाले मामले में जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। उन्होंने कोर्ट में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। जस्टिस अरविंद वर्मा की सिंगल बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है।
चैतन्य को 16.70 करोड़ रुपए मिले- ED
Chaitanya Baghel Latest News: दरअसल, शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चैतन्य बघेल को भी आरोपी बनाया है। आरोप है कि शराब घोटाले की रकम से चैतन्य को 16.70 करोड़ रुपए मिले हैं। ED के मुताबिक शराब घोटाले से मिले ब्लैक मनी को रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में इन्वेस्ट किया गया। ब्लैक मनी को वाइट करने के लिए फर्जी निवेश दिखाया गया है। साथ ही सिंडिकेट के साथ मिलकर 1000 करोड़ रुपए की हैंडलिंग (हेराफेरी) की गई है। इन्हीं आरोपों के चलते प्रवर्तन निदेशालय ने उनके घर पर छापेमारी 18 जुलाई को भिलाई निवास स्थान से गिरफ्तार किया था।
पैसा छुपाने के लिए फ्रंट कंपनियों का इस्तेमाल
ED का दावा है कि चैतन्य बघेल ने घोटाले का पैसा पाने के लिए दूसरे लोगों और कंपनियों का इस्तेमाल किया ताकि ED और अन्य एजेंसियां ट्रैक न कर सकें। जैसे ढिल्लन सिटी मॉल में पैसा आया, फिर ढिल्लन ड्रिंक्स से कर्मचारियों को पैसा ट्रांसफर हुआ, फिर वही पैसा बघेल डेवलपर्स को दिया गया। ED का दावा है कि चैतन्य बघेल के पास 16.70 करोड़ के अवैध घोटाले के पैसे आए।
जानिए क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। इस घोटाले में राजनेता, आबकारी विभाग के अधिकारी, कारोबारी सहित कई लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।
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