शह मात The Big Debate: सियासी आरोपों का धार..धर्मांतरण कितनी बार? क्या इसे झुठलाने, पर्दा डालने या आरोप लगाने से ये बंद होगा? देखें पूरी रिपोर्ट
CG News: सियासी आरोपों का धार..धर्मांतरण कितनी बार? क्या इसे झुठलाने, पर्दा डालने या आरोप लगाने से ये बंद होगा? देखें पूरी रिपोर्ट
CG News | Photo Credit: IBC24
- कोयलीबेड़ा के 20 गांवों में पादरी और ईसाई धर्म मानने वालों पर बैन
- जांजगीर, बिलासपुर और बालोद में प्रार्थना सभा की आड़ में धर्मांतरण पकड़ा गया
- बीजेपी-कांग्रेस के बीच धर्मांतरण पर आरोप-प्रत्यारोप तेज़
रायपुर: CG News छत्तीसगढ़ में जबरियां कन्वर्जन पर परदा डालने वालों की लंबी-चौड़ी फौज है। लेकिन हकीकत ये है, इसे लेकर कई इलाकों में वर्ग संघर्ष जैसे हालात हैं। मसलन, भानुप्रतापपुर-कांकेर जिले के कोयलीबेडा विकासखंड में 20 गांव के समाज प्रमुखों ने गांव के मुख्य प्रवेश रास्ते पर पास्टर और ईसाई धर्म के लोगों का आना बैन कर दिया है। बाकायदा बोर्ड लगा दिया है। कोयलीबेड़ा के ग्राम सुलंगी में ऐसा बोर्ड देखा गया। गांव के 16 परिवार के दूसरा धर्म मानने के बाद वहां दो वर्ग बन गए हैं। 10 दिन एक महिला की मृत्यु के बाद कफन-दफन पर भी बड़ा विवाद हुआ था, लेकिन दूसरी तरफ इस अहम मुद्दे पर हो रही है।
CG News बीते कुछ घंटों की घटना से जुड़ी ये तीन ताजा तस्वीरें साबित कर रही हैं कि प्रदेश में धर्मांतरण के खेल पर नकेल का हर दावा जमीन पर बेअसर है।
1- जांजगीर के नवागढ़, गोधना गांव में प्रार्थना सभा की आड़ में धर्मांतरण जारी था, ग्रामीणों ने स्थानीय थाने को घेरकर जमकर हल्ला बोला
2- बिलासपुर- के पचपेड़ी थाना क्षेत्र में, सुकलीकारी गांव में भी एक प्रार्थना सभा की आड़ में चमत्कार के नाम पर धर्मांतरण का अवैध खेल पकड़ा गया, हिंदू संगठन कार्यकर्ताओं ने मौके पर पहुंचकर रुकवाया, हंगाने के बाद मामला थाने पहुंचा
3- बालोद के गुंडरदेही थाना क्षेत्र में चैनगंज गांव में एक मकान में प्रार्थना सभा की आड़ में धर्मांतरण पकड़ा गया, 22 लोगों को हिरासत में लिया।
बंद कमरे या खुले मैदान पर प्रार्थना सभा की आड़ में, रोग, पाप, दुख-तकलीफ मिटाने भय, लालच या चमत्कार का सहारा लेकर भीड़ जुटाना और लोगों का अवैध तरीके से धर्म बदलवाना। लाख दावों के बाद भी ये क्रम टूट ही नहीं पा रहा। साथ ही नहीं रूक रहा सियासी छींटाकशी का खेल छत्तीसगढ़ बीजेपी ने धर्मांतरण मुद्दे पर, कार्टून जारी करते हुए PCC चीफ दीपक बैज को फादर के तौर पर दर्शाते हुए उन्हें धर्मांतरण का स्पेशलिस्ट बता दिया। जवाब में बैज ने कहा कि अपनी नाकामी छिपाने बीजेपी सरकार के पास इसके अलावा बताने-कहने को कुछ भी नहीं है।
वैसे जबरियां धर्मांतरण को खारिज करने वालों, झुठलाने वालों की भी कमी नहीं है पर प्रदेश की कड़वी हकीकत ये है कि, बिलासपुर में अब शहरी क्षेत्र में एक महिला, ने थाने पहुंचकर अपने पति पर जबरन ईसाई धर्म अपनाने का दबाव बनाने की शिकायत की है, महिला का आरोप है कि धर्मांतरण गैंग के ब्रेनवॉश का दबाव का आलम ये है कि धर्म ना बदलने पर उसका अपना पति और परिवार उसे प्रताड़ित तक कर रहा है, सवाल ये है कि क्या इसे झुठलाने, परदा डालने या आरोप लगाने से ये बंद होगा। पक्ष-विपक्ष किसी के पास भी इसका कोई हल नहीं है?

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