17 गांव के बाद अब गायब हुआ तालाब का 4 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र! रसूखदारों को फायदा पहुंचाने रचा गया षडयंत्र?

17 गांव के बाद अब गायब हुआ तालाब का 4 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र! रसूखदारों को फायदा पहुंचाने रचा गया षडयंत्र?

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  • Publish Date - February 23, 2021 / 05:53 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:04 PM IST

भोपाल: अब तक की पड़ताल हमने आपको बताया कि किस तरह बड़ा तालाब कैंचमेंट के गांव और तालाब के एक ओर के हिस्सा को गायब किया गया। अब एक और कारनामा सामने आया है, जिसमें तालाब के चारों ओर विस्तार का करीब 4 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र ही मास्टर प्लान से गायब है।

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भोपाल के मास्टर प्लान 2031 में विश्व धरोहर रामसर साइट का दर्जा प्राप्त बड़ा तालाब का विस्तार 34.84 वर्ग किलोमीटर का बताया गया है। जबकि तालाब का वास्तविक विस्तार 38 वर्ग किलोमीटर का है। मतलब करीब 4 वर्ग किमीमोटर का तालाब गायब कर दिया गया है। IBC24 ने पड़ताल में पाया कि ये कारनामा जमीन और निर्माण से संबंधित तो है ही लेकिन मंशा उन निर्माणों को वैध करने की है जो नियमों के खिलाफ तालाब को छलनी कर सालों पहले खड़े किए गए थे। इसमें शहर की सबसे मंहगी जमीनों में शामिल तालाब के लेकफ्रंट का हिस्सा भी शामिल है।

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दरअसल तालाब के चारों ओर अवैध निर्माण की भरमार है, जिसमें कई रसूखदारों के निर्माण शामिल है। तालाब के FTL क्षेत्र से लगी बेशकीमती जमीन है, ऐसे में करीब 4 वर्ग किमी तालाब को गायब कर मास्टर प्लान 2031 के कैंटमेंट 0 और 01 के नियमों से बाहर करने का कारमाना किया गया। कैंचमेंट जोन 0 में बड़ा तालाब के इस जोन में सिर्फ वॉटर बॉडी के फुल टैंक लेवल को रखा गया है। कैंचमेंट 01 में तालाब के फुल टैंक लेवल से 50 मीटर तक का क्षेत्र ग्रीन बेल्ट के लिए संरक्षित किया गया है।

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तालाब संरक्षण के लिए जिम्मेदार नगर निगम से जब जबाव मांगा गया, तो अधिकारियों ने बताया कि साल 2019 के सर्वे के मुताबिक टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से तालाब की हदों को साझा किया गया था। लेकिन टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ने नगर निगम के फुल टैंक लेवल और तालाब की वास्तविक परिधि को ही दरकिनार कर इस गड़बड़ी को अंजाम दे दिया। नगर निगम के अधिकारी अब मामले पर संज्ञान लेने का दावा कर रहे हैं।

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मास्टर प्लान 2031 में कही कैंटमेंट के 17 गांव गायब है, तो कही तालाब का एक पूरा हिस्सा और साथ ही करीब 4 वर्ग किलोमीटर का तालाब ही गायब है। जाहिर है रसूखदारों को फायदा पहुंचाने के लिए तालाब की बर्बादी का सोच समझा षडयंत्र रचा गया।

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