पति पर बच्चे को बंधक बनाने वाली बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज, सिविल कोर्ट में मामला प्रस्तुत करने की मिली छूट

पति पर बच्चे को बंधक बनाने वाली बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज, सिविल कोर्ट में मामला प्रस्तुत करने की मिली छूट

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  • Publish Date - February 14, 2019 / 05:15 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:10 PM IST

बिलासपुर : हाईकोर्ट ने पति पर बच्चे को बंधक बनाने वाली बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज कर दिया है। तोरवा निवासी महिला ने महाराष्ट्र के सकोली में सब इंस्पेक्टर पति पर बच्चे को बंधक बनाकर रखने का आरोप लगाया था। बच्चे को मुक्त कराने महिला ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका प्रस्तुत की थी। हाईकोर्ट ने इसे बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का मामला नहीं माना है। इसी आधार पर पिटीशन खारिज कर दी है। हालांकि याचिकाकर्ता को सिविल कोर्ट में मामला प्रस्तुत करने की छूट दी गई है।
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बिलासपुर के तोरवा में रहने वाली महिला की शादी महाराष्ट्र के सकोली थाने में सब इंस्पेक्टर सुधीर के साथ हुई थी। महिला ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका प्रस्तुत कर आरोप लगाया कि पति व अन्य रिश्तेदारों ने उनके नवजात बच्चे को बंधक बनाकर रखा है। इस संबंध में पुलिस से शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने तथ्यों व परिस्थितियों के आधार पर इस मामले को बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के योग्य नहीं मानते हुए खारिज कर दिया है, लेकिन पक्षकारों को सक्षम सिविल कोर्ट में मामला प्रस्तुत करने की छूट दी गई है।