रायपुर। जांजगीर के बहेराडीह गांव में छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी नरवा,गरवा, घुरवा और बारी को बचाने के लिए एक मॉडल तैयार किया जा रहा है । जिला के कृषि विभाग ने अक्षय चक्र कृषि मॉडल तैयार किया है ।
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अक्षय चक्र कृषि मॉडल के जरिए 12 मासी 24 तरह की सब्जियां उगाने की तरकीब बताई जाएगी। इस मॉडल से 9 विकासखंड के किसान, महिला समूह और स्टूडेंट्स अध्ययन करेंगे । इस मॉडल को तैयार करने के लिए मास्टर ट्रेनर के रूप में कृषि विभाग ने बिलासपुर से सुकदेव धीवर को बहेराडीह गांव बुलाया है। उन्होंने महज दस डिसमिल जमीन पर हफ्ते भर के भीतर ही ‘अक्षय चक्र कृषि मॉडल’, कृषि अधिकारियों और कृषक मित्रों के सहयोग से तैयार किया, जो आकर्षण का केंद्र बना हुआ है
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आपको बतादें रायपुर जिले में अक्षय चक्र कृषि के मॉडल को अपनाया जा रहा है। खेती के इस मॉडल से किसान अब अपनी बाड़ियों और खेतों में न केवल 12 महीने भरपूर हरी-भरी सस्ती जैविक सब्जियां उगा सकेंगे, बल्कि हर दिन किसानों के रोजगार की गारंटी भी सुनिश्चित की जाएगी। गांव के जरूरतमंद, लघु और सीमांत किसानों का चयन करने को कहा गया है, ताकि मनरेगा से कन्वर्जेंस कर उनकी बाड़ी और खेतों में यह अक्षय चक्र बनवाया जा सके।
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अधिकारियों ने बताया कि गौठान बनाने के लिए जिले में प्रथम चरण में 81 गांवों का चयन किया गया है। इन गौठानों में भी अक्षय चक्र बनाया जाएगा, ताकि ग्रामीणों के साथ-साथ स्कूल और आंगनबाड़ी के बच्चों को भी पौष्टिकता से भरपूर जैविक सब्जियां उपलब्ध कराई जा सके। यह कुपोषण को दूर करने में अहम होंगी।