CG Ki Baat: रायपुर। तीसरे फेज की वोटिंग से पहले बीजेपी-कांग्रेस का चुनावी कैंपेन काफी तेज है। सोमवार को बिलासपुर में राहुल गांधी की एक बड़ी चुनावी सभा हुई, जिसके मंच पर राहुल गांधी ने बीजेपी को जमकर घेरा। संविधान को बचाने की दुहाई देते हुए, मेनिफेस्टो में 5 न्याय और 25 गारंटियों का जिक्र करते हुए, कांग्रेस के पक्ष में वोटिंग की अपील की। लेकिन, उसके पहले उसी मंच पर अक्सर अपने अंदाज और विवादित बोल के लिए सुर्खियों में रहते वाले पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने एक बार फिर कुछ ऐसा कहा है, जिसका बीजेपी ने घोर विरोध किया है।
ये अंदाज और ये बयान उनकी पार्टी को आरोपों की आग में झुलसा भी सकता है। सवाल है, PM मोदी को लेकर कहे एक जुमले पर पहले से नोटिस, शिकायतें और आरोपों को झेलने के बाद लखमा ने क्या जानबूझकर वैसा ही बयान दिया, क्या जनता ऐसे जुमलों, ऐसे शब्दों और शैली को पसंद करती है?
बस्तर सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी और भूपेश सरकार में आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा, जो कि बिलासपुर में कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव के पक्ष में हो रहे न्याय सम्मेलन के मंच पर बोल रहे थे। उसी मंच पर कांग्रेस के सबसे अहम नेता राहुल गांधी का भाषण होना था, जिसके पहले माहौल जमाते हुए, कवासी लखमा ने फिर नए विवादों का जन्म दिया। लखमा ने कहा कि देश में अगर कोई झूठ बोलता है, तो वो दाढ़ी वाला, चंगू मंगू दाढ़ी का टांय टांय होगा।
कवासी लखमा ने दावा करते हुए कहा, कि देवेंद्र यादव जीतो, मोदी मिरतो। ये भी दावा किया कि कांग्रेस की सरकार बनी तो 1 महीने में महंगाई खत्म कर देंगे। मंच से राहुल गांधी ने दावा किया कि कांग्रेस की केंद्र में सरकार बनने पर हर महीने 8500 रुपए टकाटक-टकाटक अकाउंट में जाएगा। लखमा की जुबान से निकले ये बोल बीजेपी को जरा भी रास नहीं आए हैं। रायपुर सांसद सुनील सोनी ने कहा कि कवासी लखमा मानसिक संतुलन खो चुके हैं। सोनी ने कहा कांग्रेसी जिनता अलर्गल बोलेंगे, पीएम मोदी की ख्याति उतनी बढ़ती जाएगी।
CG Ki Baat: माना कि लखमा का अपना एक ठेठ देसी लहजा है, अपना जुदा अंदाज है जो उनके समर्थकों का काफी भाता भी है। लेकिन, उनके बयान से पार्टी फिर मुश्किल में पड़ सकते हैं। ज्यादा दिन नहीं बीते हैं, फर्स्ट फेज में बस्तर चुनाव के दौरान लखमा जीतेगा, मोदी मरेगा वाले बयान पर FIR हुई और जमकर बवाल हुआ। दूसरी तरफ कांग्रेस के मंहगाई बढ़ने के आरोप और एक झटके में महंगाई हटा देने जैसे बयानों पर चुनाव आयोग ने पार्टी को नोटिस देकर जवाब मांगा है। ऐसे में क्या ये बयान पार्टी के लिए, प्रत्याशी के लिए नुकसान दायक साबित ना होगा। क्योंकि कांग्रेसियों के ऐसे अनर्गल बयान और अपशब्दों के खिलाफ सियासी हथियार बनाने में बीजेपी माहिर रही है तो फिर ऐसे बयान क्यों।