सीहोर, मध्यप्रदेश। सीहोर जिले में रेत खनन को लेकर नई-नई खनिज नीति बनाई गई। बावजूद इसके रेत का अवैध खनन नहीं थम रहा है। रेत माफिया हावी हैं। बंदूक की नोक पर खनन हो रहा है। इससे ग्रामीणों में भारी दहशत है। उनकी पहुंच के आगे प्रशासन भी मूकदर्शक बना हुआ है। इतना ही नहीं सड़कों पर बेरोक दौड़ रहे रेत के ओवरलोड डंपर से लोगों की मौत भी हो रही है।
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नर्मदा तट से 800 मीटर के बाद स्टॉक की परमिशन देने का नियम है, लेकिन यहां पर 500 मीटर से कम दूरी पर ही रेत के पहाड़ स्टाक के रूप दिख रहे हैं। जहां से हर रोज सैकड़ों डंपर रेत का परिवहन हो रहा है। रात में जेसीबी और पोकलेन से खनन किया जा रहा है।
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नदी का सीना चीरकर अस्थाई दर्जनों मार्ग बनाकर खनन हो रहा है। वहीं प्रशासनिक अमले पर मिलीभगत के आरोप लगने पर माइनिंग इंस्पेक्टर सहित तत्कालीन एसडीएम के गार्ड, पांच से अधिक पुलिसकर्मी, अधिकारियों के ड्राइवरों के निलंबन और तबादले भी हो चुके हैं पर रात के अंधेरे में काला खेल बदस्तूर जारी है.