मीसा बंदियों के परिवारों ने खोला मोर्चा, भूपेश सरकार ने बंद कर दी है पेंशन

मीसा बंदियों के परिवारों ने खोला मोर्चा, भूपेश सरकार ने बंद कर दी है पेंशन

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  • Publish Date - February 16, 2019 / 06:11 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:59 PM IST

धमतरी । छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मीसा बंदियों की पेंशन बन्द करने के फैसले सिया गया है। राज्य सरकार के इस फैसले से धमतरी में कई परिवारों पर गंभीर आर्थिक संकट का साया मंडराने लगा है। ऐसे परिवारों ने जिला प्रशासन से मदद की फरियाद की है। पीड़ित परिवारों ने उनको मिलने वाली पेंशन फिर से शुरू करने के लिए एक संयुक्त आवेदन दिया है।

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जिले में कुल 55 मीसा बंदी रजिस्टडर्ड हैं, जिनमें से अब सिर्फ 29 ही जीवित बचे हैं। हाल ही में प्रदेश सरकार ने मीसा बंदियों के सम्माननिधि पर रोक लगा दी है। सरकार ने मीसाबंदियों के सत्यापन में संदेह जताते हुए भौतिक सत्यापन के भी निर्देश दिए हैं। मीसा बंदियों की पेंशन बंद होने के बाद पेंशनधारी और उनके परिवारों पर इलाज और पालन पोषण की समस्या खड़ी हो गई है। ऐसे परिवार अब जिला प्रशासन से गुहार लगाकर पेंशन फिर शुरू करने की मांग कर रहे हैं।

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कौन हैं मीसाबंदी
बता दें कि साल 1975 में इंदिरा गांधी सरकार ने आपातकाल लगा दिया था । इस दौरान विपक्ष के हजारों लोगों को जेल में डाल दिया गया था । छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार आने के बाद जेल जाने वालों के लिए रमन सरकार ने जय प्रकाश सम्मान निधि योजना शुरू की थी। इस योजना से मिलने वाली रकम से इन परिवारों को इलाज और परवरिश में मदद मिलती है।