What is the effect of caste politics : OBC-ST-SC...जात साधे...सब साधै! कांग्रेस-बीजेपी के बीच चल रही जाति की सियासत का क्या असर होता है? | OBC-ST-SC...caste simple...all simple ! What is the effect of caste politics going on between Congress-BJP?

What is the effect of caste politics : OBC-ST-SC…जात साधे…सब साधै! कांग्रेस-बीजेपी के बीच चल रही जाति की सियासत का क्या असर होता है?

What is the effect of caste politics : OBC-ST-SC...जात साधे...सब साधै! कांग्रेस-बीजेपी के बीच चल रही जाति की सियासत का क्या असर होता है?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:48 PM IST, Published Date : July 10, 2021/6:00 pm IST

What is the effect of caste politics

भोपाल : मध्यप्रदेश में 2023 में विधानसभा चुनाव होना है, लेकिन कांग्रेस और बीजेपी अभी से सभी वर्गों को साधने में जुट गई है। खासकर कांग्रेस ST, SC और पिछड़ा वर्ग से जुड़े मुद्दों पर मुखर होकर सत्ता पक्ष को घेर रही है। नेमावर हत्याकांड के बाद कांग्रेस ने राज्यपाल से मिलकर प्रदेश में दलित आदिवासी को असुरक्षित बताया, तो दूसरी ओर OBC आरक्षण पर भी सरकार को कठघरे में खड़ा कर रही है। कांग्रेस के हमलों का जवाब देने बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सामने आए और पलटवार किया कि कांग्रेस ने जितना दलितों का नुकसान किया है उतना कोई नहीं कर सकता। ST, SC और पिछड़ा वर्ग से जुड़े मुद्दों पर बयानबाजी के बीच बड़ा सवाल ये है कि बीजपी या कांग्रेस इन वर्गों का सच्चा हितैषी कौन है?

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मध्यप्रदेश के नेमावर में हुए आदिवासी परिवार के नरसंहार का मामला सियासी शक्ल ले चुका है। कांग्रेस जहां हत्याकांड के जांच की मांग सीबीआई से कराने पर अड़ी है, तो बीजेपी सरकार ने ये साफ कर दिया है कि मामले की जांच पुलिस ही करेगी। इस बीच बीजेपी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष कल सिंह भाबर ने ये बयान देकर फिर सनसनी मचा दी है कि नेमावर हत्याकांड की जांच सीबीआई से होनी चाहिए।

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एक दिन पहले पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने नवनियुक्त राज्यपाल से मुलाकात के बाद ये कहा था कि भाजपा के राज में दलित आदिवासी प्रदेश में असुरक्षित हैं। जिस पर खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ को जवाब दिया। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जितना नुकसान कांग्रेस ने ST-SC और OBC का किया, दूसरा और कोई नही कर सकता।

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हाल में दलित आदिवासी महिलाओं पर हुए जुल्म के जो वीडियो वायरल हुए हैं, उसके बाद कांग्रेस के हाथ सत्ता पक्ष को घेरने का बड़ा मौका मिला है। पार्टी ने अपने आदिवासी नेताओं के हाथ क्रांति की मशाल थमा दी है। दूसरी तरफ भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद नेमावर पहुंचे और बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा। वहीं कमलनाथ ने ट्विटर पर आदिवासी कर्मचारियों पर पुलिस कार्रवाई को लेकर सरकार को घेरा। अब बीजेपी के ST मोर्चा अध्यक्ष कल सिंह भाबर के बयान के बाद पार्टी के अंदर घमासान शुरु हो गया है। नेमावर, धार, अलीराजपुर की घटनाओं पर पार्टी में दो पक्ष हो चुके हैं, जिसके बाद कांग्रेस भी फ्रंटफुट पर खेलते हुए 2018 में बीजेपी राज में हुई दलित हिंसा के मुद्दे को हवा देने में जुट गई है।

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कुल मिलाकर अब जब मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव नज़दीक है। कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ ठीक वैसे ही माहौल बनाना शुरु कर दिया है। जैसे 2018 के चुनावों के पहले महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले में बनाया गया था, उस वक्त कांग्रेस ने एमपी को देश का रेप कैपिटल तक बताया था। अब कांग्रेस एक बार फिर दलित आदिवासियों की आवाज़ को दमदारी के साथ बुलंद करना शुरु कर दिया है। देखना दिलचस्प होगा कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस बीजेपी के बीच चल रही जाति की सियासत का क्या असर होता है?

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