खजुराहो । 45 वें खजुराहो नृत्य समारोह के तीसरे दिन की शाम कत्थक और भरतनाट्यम नृत्य शैली के नाम रही । नृत्य समारोह के मुक्ताकाशी मंच पर जहाँ रुजुता सोमण ने कत्थक के माध्यम से स्वर्गीय गिरजा देवी की रचित दीवाना किये श्याम से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं कनाडा में रहने वाली और पंडित चित्रेश दास और पद्मविभूषण पंडित बिरजू महाराज सुदेष्णा मौलिक ने कत्थक और भरतनाट्यम दोनों नृत्यों को एक साथ प्रस्तुत कर शिवाय नृत्य के माध्यम से दर्शकों के बीच समां बाँध दिया।
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भारतीय नृत्य कला भरतनाट्यम के अत्यंत प्रतिभाशाली, अर्शकला चूड़ामणि और नाट्य मयूरं पुरस्कार से विभूषित सुहैल भान ने भी भरतनाट्यम से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। खजुराहो महोत्सव में शामिल होने देश -विदेश से कलाप्रेमी पहुंचे हैं। सैकड़ों की तादाद में मौजूद दर्शकों ने नृत्य कला औक खासतौर पर कलाकारों की भाव भंगिमा को सराहा उनकी हौसला अफजाई की ।