शिव का मिशन ‘प्राणवायु’…एक विचार…एक सोच बुरे से बुरे हालात को भी बदल कर रख देता है

शिव का मिशन 'प्राणवायु'...एक विचार...एक सोच बुरे से बुरे हालात को भी बदल कर रख देता है

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  • Publish Date - April 27, 2021 / 06:21 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:57 PM IST

भोपाल: एक विचार…एक सोच या कहे एक आइडिया बुरे से बुरे हालात को भी बदल कर रख देता है। हर बार की तरह ये आइडिया है प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान का और वो आइडिया है ऑक्सीजन सप्लाई में सेना के ग्लोबमास्टर की ही मदद नहीं लेना, बल्कि दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क के सहारे पूरी तस्वीर को बदल कर रख देना। मुख्यमंत्री की पहल या कहे अपनी सोच को अंजाम तक पहुंचाने की जिद के कारण ही मध्यप्रदेश को बोकारो से 6 ऑक्सीजन के टैंकर मिल रहे हैं, जिसके चलते जबलपुर, भोपाल,सागर समेत पूरे बुंदेलखंड में ऑक्सीजन की कमी दूर हो जाएगी।

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ये मध्यप्रदेश की उन हजारों उम्मीदों की उड़ान है जो इस वक्त कोरोना संक्रमण का मुकाबला कर रहे हैं। सेना का ये ग्लोबमास्टर जामनगर किसी सैन्य ऑपरेशन पर नही बल्कि ऑक्सीजन के खाली टैंकर लेकर जा रहा है ताकि आने जाने का समय आधा हो सके। इस पर बात बाद मे लेकिन अब ये तस्वीर देखिए भोपाल के पास मंडीदीप से करीब 1300 किलोमीटर दूर बोकारो की जब ट्रेन पर एक एक करके ऑक्सीजन के टैंकर चढ़ाए जा रहे हैं। इन 6 टैंकर मे से 2 जबलपुर के लिए एक सागर के लिए और 3 भोपाल के लिए है। जाहिर तौर पर इन टैंकर्स में आ रही ऑक्सीजन के बाद कमी हालात बदले नजर आएंगे।

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ट्रेन के रास्ते ऑक्सीजन टैंकर लाने के इस आइडिया पर मुख्यमंत्री ने शनिवार को केंद्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल से चर्चा की। दोनों में इस बात पर सहमति बनी की रेल रुट के जरिए ऑक्सीजन की सप्लाई शुरु की जाए और महज 60 घंटे के भीतर बोकारो से 6 ऑक्सीजन टैंकर्स को लेकर ट्रेन रवाना भी हो गई।

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बात एक बार फिर ग्लोबमास्टर की, जो इस वक्त इंदौर,भोपाल और ग्वालियर से लगातार उड़ान भर रहा है। इसके जरिए अभी तक 8 टैंकर्स इंदौर से, 4 टैंकर भोपाल से और 2 टैंकर ग्वालियर से उड़ान भर चुके है और ऑक्सीजन लेकर लौट भी गए हैं। वैसे शिवराज के मिशन प्राणवायु में आगे का भी प्लान है आने वाले दिनों में 29 और 30 अप्रैल को बोकारो के लिए भोपाल से 2 जबकि 1 मई को 2 छोटे टैंकर ग्वालियर से भेजे जाएंगे। दूसरी तरफ जामनगर के लिए 28, 29, 30 अप्रैल और 1 मई तक रोज एक टैंकर भोपाल से और एक टैंकर इंदौर से जामनगर हवाई जहाज से भेजा जाएगा। दरअसल अपने मिशन प्राणवायु को पूरा करने से मुख्यमंत्री ने पहले से ही पूरी तैयारी कर रखी थी, जिसका नतीजा ये हुआ कि तेजी से फैसले होते गए और परिणाम मिलने लगे।

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ऐसा नहीं कि अपने मिशन को अंजाम देने से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिर्फ केंद्रीय मंत्रियों और अपने मंत्रिमंडल के साथियों से चर्चा की बल्कि सीआईआई के पदाधिकारी और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों से हर विषय के विशेषज्ञों से लेकर उद्योगपतियों तक से मुख्यमंत्री ने काफी गहन चिंतन किया। वैसे लोकतंत्र में सियासत को रोकना शायद संभव नहीं है। ग्रेस का आरोप है कि यदि ये कदम पहले उठा लिए जाते तो ऐसे हालात नहीं बनते।

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प्रदेश में ऑक्सीजन की उपलब्धता बनी रहे लिहाजा सीएम ने हर बैठक में अधिकारियों को सावधानी बरतने के निर्देश भी दिए (ग्राफिक्स इन) उन्होंने खंडवा का जिक्र करते हुए ऑक्सीजन का ऑडिट करने को कहा। क्योंकि इससे ऑक्सीजन की फिजूलखर्ची बच जाती है उन्होंने कहा कि यदि लो फ्लो पर काम चल सकता है तो हाई फ्लो देने पर भी ध्यान देना चाहिए। मुख्यमंत्री ने मरीजों को वैज्ञानिक ढंग से जितनी जरुरत हो उतनी ऑक्सीजन देने को भी कहा कि आपने शिवराज सिंह चौहान के मिशन प्राणवायु की हर बारीकी देखी लेकिन आखिरी में फिर वो तस्वीर जहां से बात शुरु हुई थी।

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