10,000 private schools closed in two years due to this reason

दो साल में 10,000 निजी स्कूल हुए बंद, 10वीं से पहले ही लड़कियां छोड़ रही स्कूल, सामने आई ये बड़ी वजह

10,000 private schools closed in two years due to this reason:दो साल में 10,000 निजी स्कूल हुए बंद, 10वीं से पहले ही लडकियां छोड़ रही स्कूल...

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:04 PM IST, Published Date : August 12, 2022/12:16 pm IST

10,000 private schools closed in two years : नई दिल्ली। हमारे देश में सरकारी और निजी स्कूलों में कई बातों को लेकर मतभेद सामने आता रहता है, हाल ही में एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि दो साल में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या अधिक हो गई, वहीं निजी स्कूलों में यह संख्या बेहद कम हुई है। रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि इसके चलते लगभग 10 हजार निजी स्कूल बंद हो गए। वहीं नए निजी स्कूल खोलने के आवेदन भी 4 गुना तक बढ़ गए हैं।

मिली जानकारी के अनुसार निजी स्कूल खोलने के आवेदन पिछले एक साल में 4.38 गुना बढ़े हैं। आपको बता दें वर्ष 2021 में कुल 2066 नए आवेदन मिले थे। वहीं वर्ष 2022 में 9057 आवेदन मिले हैं। यह आंकड़े केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने जारी किए हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021 में कोरोना की वजह से 5,406 निजी स्कूल बंद हो गए। इसके साथ ही बता दें कि वर्ष 2020 में 5,052 निजी स्कूल बंद हो गए थे।

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30.52 लाख कम हुई बच्चों की संख्या

रिपोर्ट में चौंकाने वाली ये बात सामने आई है कि इन्हीं दो सालों में प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई करने वाले बच्चों की संख्या 30.52 लाख कम हुई है। वहीं, अगर सरकारी स्कूलों की बात करें तो वर्ष 2021 की तुलना में 2022 में 40 लाख बच्चो की वृद्धि हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2021 में देशभर में पहली कक्षा में 1.85 करोड़ नए एडमिशन हुए है।

स्कूल छोड़ने वाली लड़कियों के मामले में मध्यप्रदेश सबसे आगे

महिला शिक्षा की बात करें तो रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वर्ष स्कूल छोड़ने वाले विद्यार्थियों में सबसे ज्यादा लड़कियां शामिल हैं। स्कूल छोड़ने वाली लड़कियों की संख्या की बात करे तो मध्यप्रदेश में हर 100 में से 24 लड़कियां 10वीं कक्षा से पहले ही स्कूल छोड़ रही हैं। वहीं गुजरात में यह औसत 20.9% और बिहार में 17.6% है। इसी तरह पश्चिम बंगाल (15.7%), झारखंड (13.7%), यूपी (13%), हरियाणा (12.3%), छत्तीसगढ़ (11.4%) और पंजाब (11.1%) में भी हालात ठीक नहीं है। बता दें इस मामलों में चंडीगढ़ (1.6%), केरल (4.9%) में ड्रॉपआउट रेट सबसे कम है।

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सामने आई ये बड़ी वजह

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा स्कूल छोड़ने के पीछे बड़ी वजह स्कूल की व्यवस्था है। स्कूल में प्रसाधन की समस्या के कारण कई लड़कियों ने 10वीं से पहले ही स्कूल छोड़ दिया। इसके साथ ही बता दें कि कुछ लड़कियां अपने घर की स्थिति के चलते भी स्कूल छोड़ने को मजबूर हो गई हैं। इसके अलावा रिपोर्ट में सबसे बड़ी बात ये सामने आई कि पिछले 2 सालों में कोरोना के कारण सबसे ज्यादा बच्चों ने स्कूल छोड़ा हैं।

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