बारहवीं बोर्ड परीक्षा: सीबीएसई के सामने निष्पक्ष मूल्यांकन मानदंड प्रक्रिया पर फैसला लेने की चुनौती | 12th Board Exam: CBSE faces challenge to decide on fair evaluation criteria process

बारहवीं बोर्ड परीक्षा: सीबीएसई के सामने निष्पक्ष मूल्यांकन मानदंड प्रक्रिया पर फैसला लेने की चुनौती

बारहवीं बोर्ड परीक्षा: सीबीएसई के सामने निष्पक्ष मूल्यांकन मानदंड प्रक्रिया पर फैसला लेने की चुनौती

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:07 PM IST, Published Date : June 2, 2021/10:54 am IST

(गुंजन शर्मा)

नयी दिल्ली, दो जून (भाषा) शिक्षा विशेषज्ञों और हितधारकों का मानना है कि केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के सामने अब 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए एक निष्पक्ष मूल्यांकन मानदंड प्रक्रिया पर फैसला लेने की बड़ी चुनौती है और उन्होंने मांग की कि नीति जल्द ही अधिसूचित की जाए।

कोरोना महामारी के कारण बच्चों के स्वास्थ्य के मद्देनजर बारहवीं की परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है। विशेषज्ञों ने बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने के निर्णय की सराहना की।

उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए सीबीएसई द्वारा बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करना सही फैसला है। बच्चों की सुरक्षा से समझौता किए बिना हम परीक्षा आयोजित नहीं कर सकते थे। उन्होंने कहा, ‘‘ हम इस फैसले का स्वागत करते हैं, लेकिन हमें उम्मीद है कि हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करके तौर-तरीकों पर तेजी से काम किया जाएगा।’’

शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देने से जुड़े ‘फिक्की अराइज’ के सह अध्यक्ष प्रवीण राजू ने कहा, ‘‘क्योंकि कक्षा के अंक महत्वपूर्ण कारक है जो छात्रों के करियर को प्रभावित करते हैं, हम सीबीएसई से यह सुनिश्चित करने की उम्मीद करते हैं कि अंक देने की पद्धति से छात्र प्रभावित नहीं हो।’’

कोरोना महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर केंद सरकार ने मंगलवार को सीबीएसई की 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया था। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद लिया गया था।

निर्मल भरतिया स्कूल की प्रधानाचार्य चारु वाही ने कहा, ‘‘प्रक्रिया और मानदंड तय करना अगला कदम महत्वपूर्ण है जिसके आधार पर बच्चों के प्रदर्शन का आकलन किया जायेगा। इसे यह ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए कि उनमें से कई ने काफी मेहनत की है और इसलिए उन्हें ‘‘उचित लाभ दिया जाना चाहिए।’’

द हेरिटेज स्कूल्स के सीईओ विष्णु कार्तिक के अनुसार, बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने के फैसले ने छात्रों और अभिभावकों के बीच कुछ स्पष्टता और तनाव के स्तर को कम किया है, लेकिन अब सीबीएसई के लिए ग्रेड या अंक निर्धारित करने के लिए एक वैकल्पिक मानदंड पर पहुंचने की चुनौती है।

गाजियाबाद में डीपीएस-आरएनई की प्रधानाचार्य पल्लवी उपाध्याय ने कहा कि स्कूलों को सीबीएसई द्वारा उचित अंकों के लिए मूल्यांकन करने के दिशानिर्देशों का इंतजार है क्योंकि 12वीं कक्षा की परीक्षा एक छात्र के जीवन में महत्वपूर्ण होती है।

गौरतलब है कि सीबीएसई ने 14 अप्रैल को कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि को देखते हुए 10वीं कक्षा की परीक्षा रद्द करने और 12वीं कक्षा की परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की थी।

भाषा

देवेंद्र नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)