नई दिल्लीः बहुचर्चित रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही इसमें शामिल 4 आरोपियों को भी अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में बीते आठ अक्टूबर को डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह और कृष्ण कुमार को कोर्ट ने आईपीसी की धारा-302 (हत्या), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र रचना) के तहत दोषी करार दिया है। वहीं, अवतार, जसवीर और सबदिल को कोर्ट ने आईपीसी की धारा-302 (हत्या), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र रचना) और आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया है।
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दरअसल, कुरुक्षेत्र के रहने वाले रणजीत सिंह की 10 जुलाई 2002 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। रणजीत सिंह डेरा सच्चा सौदा का मैनेजर था। राम रहीम इसी डेरे का प्रमुख है। डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत सिंह ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई। बस इसी शक में उसकी हत्या कर दी गई।
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रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। हाईकोर्ट ने बेटे के पक्ष में फैसला सुनाकर मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी। सीबीआई ने राम रहीम समेत पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था।
सुनवाई के कड़े इंतजाम
सुनवाई के दौरान पंचकूला में धारा-144 लागू रही। कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। किसी भी तरह के तेजधार हथियार को लेकर चलने पर भी प्रतिबंध रहा। 17 नाकों समेत शहर में कुल सात सौ जवान तैनात रहे। सीबीआई कोर्ट परिसर और चारों प्रवेशद्वार पर आईटीबीपी की चार टुकड़ियां तैनात थीं।
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