अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर शाम पांच बजे तक 51.35 प्रतिशत मतदान

अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर शाम पांच बजे तक 51.35 प्रतिशत मतदान

अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर शाम पांच बजे तक 51.35 प्रतिशत मतदान
Modified Date: May 25, 2024 / 07:47 pm IST
Published Date: May 25, 2024 7:47 pm IST

श्रीनगर, 25 मई (भाषा) जम्मू कश्मीर में अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर 18.36 लाख मतदाताओं में से 51 प्रतिशत से अधिक ने शनिवार शाम पांच बजे तक अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया, जिससे निर्वाचन क्षेत्र में 28 वर्षों से अधिक के मतदान प्रतिशत का रिकार्ड टूट गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने यहां बताया, ‘‘शाम पांच बजे तक अनंतनाग-राजौरी लोकसभा क्षेत्र में 51.35 प्रतिशत मतदान हुआ।’’

अधिकारियों ने बताया कि राजौरी विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 67.09 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि नौशेरा में 65.47 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।

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उन्होंने बताया कि अनंतनाग, अनंतनाग-पश्चिम और कुलगाम विधानसभा क्षेत्र ऐसे तीन इलाके हैं जहां अब तक 35 प्रतिशत से कम मतदान दर्ज किया गया है।

उन्होंने बताया कि बिजबेहरा में एक घटना को छोड़कर पूरे लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में मतदान सुचारू रूप से हुआ। इस निर्वाचन क्षेत्र के तहत पांच जिलों–कुलगाम, अनंतनाग, पुंछ, शोपियां और राजौरी के 18 से अधिक विधानसभा क्षेत्र आते हैं।

वर्ष 2022 में जम्मू कश्मीर में परिसीमन कवायद में पुलवामा जिले और शोपियां विधानसभा क्षेत्र को दक्षिण कश्मीर लोकसभा सीट से हटा दिया गया, जबकि पुंछ और राजौरी के सात विधानसभा क्षेत्रों को इसमें जोड़ा गया।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती अनंतनाग-राजौरी सीट से चुनाव लड़ रही हैं और उनके सामने नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मियां अल्ताफ अहमद हैं। इस सीट से चुनाव लड़ रहे 20 उम्मीदवारों में अपनी पार्टी के जफर इकबाल मन्हास भी शामिल हैं।

इस सीट पर मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ जो शाम छह बजे समाप्त होगा।

पुराने अनंतनाग लोकसभा क्षेत्र में 2019 में मतदान लगभग नौ प्रतिशत हुआ था, जबकि 2014 में यह 29 प्रतिशत के करीब था।

कश्मीर घाटी के तहत आने वाले 11 विधानसभा क्षेत्रों में शाम पांच बजे तक करीब 42.26 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।

बहरहाल, बदलते परिदृश्य और निर्वाचन क्षेत्र में पुंछ और राजौरी इलाकों को शामिल करने से मतदान प्रतिशत पिछले चुनाव से कहीं अधिक रहने की संभावना है।

भाषा आशीष सुभाष

सुभाष


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