महाराष्ट्र में तीन महीने में 766 किसानों ने आत्महत्या की : राकांपा-एससीपी सांसद फौजिया खान

महाराष्ट्र में तीन महीने में 766 किसानों ने आत्महत्या की : राकांपा-एससीपी सांसद फौजिया खान

महाराष्ट्र में तीन महीने में 766 किसानों ने आत्महत्या की : राकांपा-एससीपी सांसद फौजिया खान
Modified Date: December 11, 2025 / 03:27 pm IST
Published Date: December 11, 2025 3:27 pm IST

नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) की सदस्य फौजिया खान ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में दावा किया कि महाराष्ट्र में पिछले तीन महीनों में 766 किसानों ने आत्महत्या की है। इसके साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि किसान “सरकार के लिए कब प्रिय होंगे।”

शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए खान ने कहा कि महाराष्ट्र देश में किसानों की आत्महत्या के मामले में सबसे आगे है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने विधानसभा को इन तीन महीनों में 766 मौतों की जानकारी दी है।

उन्होंने कहा कि इनमें से 676 परिवारों को सरकारी सहायता मिली, जबकि 200 परिवार मदद से वंचित रह गए।

 ⁠

फौजिया खान ने कहा कि इस साल भारी बारिश और व्यापक बाढ़ के बाद 31,628 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा के बावजूद वास्तविक स्थिति अलग है।

उन्होंने बताया कि केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में कहा कि मंत्रालय को महाराष्ट्र से अतिरिक्त सहायता के लिए कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ।

खान ने कहा कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के तहत किसानों के लिए 4,176 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जिसमें केंद्र की हिस्सेदारी 3,180 करोड़ रुपये थी और 1,13,455 किसानों के बैंक खातों में 82 करोड़ रुपये जमा किए गए। उन्होंने कहा, “गरीब किसान इन आंकड़ों को देखकर हैरान हैं।”

उन्होंने कहा कि राज्य कृषि मंत्री दत्तात्रेय भार्ने ने कहा कि बाढ़ से 19 जिलों में 14.36 लाख हेक्टेयर भूभाग प्रभावित हुआ, जबकि केंद्र को भेजी गई रिपोर्ट में केवल 1,10,309 हेक्टेयर का उल्लेख था।

खान ने कहा, “14 लाख कहां हैं और एक लाख कहां है? यह किसानों के साथ अन्याय और मजाक है।”

उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सामान्य मौसमी नुकसान नहीं बल्कि लाखों किसानों को प्रभावित करने वाली बड़ी कृषि आपदा है और वर्तमान फसल बीमा ढांचा पर्याप्त कवरेज नहीं देता।

खान ने सरकार से प्रश्न किया, “किसान कब आपके लिए प्रिय होंगे?”

भाषा मनीषा अविनाश

अविनाश


लेखक के बारे में