पुरी, एक जुलाई (भाषा) ओडिशा के पुरी में इस साल वार्षिक जगन्नाथ रथयात्रा के दौरान चेहरे की पहचान करने वाले सॉफ्टवेयर और भीड़ के व्यवहार का विश्लेषण करने में प्रशिक्षित पुलिस द्वारा गठित एक विशेष दल ने 90 झपटमारों को गिरफ्तार किया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि कानून प्रवर्तकों ने चोरी किए गए 60 मोबाइल फोन उनके मालिकों को लौटाए।
हाल के वर्षों में, पुलिस द्वारा बड़े आयोजनों की निगरानी के लिए चेहरे की पहचान और कृत्रिम बुद्धिमता प्रमुख उपकरण बन रहे हैं।
पुरी के पुलिस अधीक्षक कंवर विशाल सिंह ने कहा,”राज्य में पहली बार शुरुआती अभियान के तौर पर चेहरे की पहचान करने वाले चार कैमरे लगाए गए और एससीआरबी (राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो) को 300 असामाजिक तत्वों की जानकारी अपलोड करने के लिए भेजी।”
उत्सव के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ का फायदा उठाते हुए जेबकतरे और झपटमार तीर्थयात्रियों को निशाना बनाने की फिराक में रहते हैं। वे भक्तों को भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की एक झलक पाने या उनके रथों को खींचने में व्यस्त होने के दौरान निशाना बनाते हैं।
सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि एक 11 सदस्यीय टीएसीटी (मंदिर कार्रवाई चैन झपटमारी रोकथाम दल) का गठन किया गया है। प्रत्येक समूह में 4-6 एपीआर (सशस्त्र पुलिस रिजर्व) जवान हैं जो त्योहार के दौरान संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात थे।
दलों को भीड़ की आवाजाही के दौरान लोगों के व्यवहार संबंधी पहलुओं का निरीक्षण और विश्लेषण करने के लिए पहले से ही प्रशिक्षित किया गया था।
पुलिस अधिकारी ने कहा,”टेएसीटी सदस्यों को संवेदनशील स्थानों पर सादे कपड़ों में तैनात किया गया था। हमारा प्राथमिक कार्य श्रद्धालुओं का बचाव और सुरक्षा है। बुजुर्ग और महिलाएं अधिक संवेदनशील होती हैं और झपटमारों के लिए ये आसान लक्ष्य होते हैं।”
उन्होंने कहा कि गिरफ्तार किए गए 92 झपटमारों में से 41 ओडिशा के हैं, जबकि 23 झपटमार पश्चिम बंगाल के हैं।
भाषा अभिषेक
अभिषेक संतोष
संतोष
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