लेखा शिक्षा और अनुसंधान एक-दूसरे के पूरक है: बागडे

लेखा शिक्षा और अनुसंधान एक-दूसरे के पूरक है: बागडे

लेखा शिक्षा और अनुसंधान एक-दूसरे के पूरक है: बागडे
Modified Date: October 12, 2025 / 08:04 pm IST
Published Date: October 12, 2025 8:04 pm IST

जयपुर, 12 अक्टूबर (भाषा) राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने रविवार को कहा कि लेखा शिक्षा और अनुसंधान एक-दूसरे के पूरक हैं और अनुसंधान के माध्यम से प्राप्त नवीन तथ्यों व ज्ञान को शिक्षा में समाहित करने से शैक्षिक गुणवत्ता में उल्लेखनीय वृद्धि होती है।

बागडे ने उदयपुर में आयोजित दो दिवसीय ‘ऑल इंडिया अकाउंटिंग कॉन्फ्रेंस एंड इंटरनेशनल सेमिनार’ की शुरुआत के अवसर पर यह बात कही।

उन्होंने कहा कि शिक्षा संस्थान केवल ज्ञान के केंद्र नहीं, बल्कि वे ऐसे संस्कार मंदिर हैं, जहां भावी पीढ़ी में कर्तव्यनिष्ठा, पारदर्शिता व मानवीय मूल्यों का बीजारोपण किया जाता है।

 ⁠

आधिकारिक बयान के अनुसार राज्यपाल ने कहा कि समय का ऑडिट करना भी आवश्यक है और समय का सर्वोत्तम उपयोग ही जीवन की सफलता का आधार बनता है।

उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे अपने शब्दों और वाणी को अपनी सबसे बड़ी संपत्ति समझें, क्योंकि उनका प्रभाव गहरा व दीर्घकालिक होता है।

उन्होंने प्राचीन भारतीय चिंतन परंपरा का उल्लेख करते हुए कौटिल्य के अर्थशास्त्र को रेखांकित किया और कहा कि राजकीय कोष एवं व्यय प्रणाली में पारदर्शिता, राष्ट्रहित व नैतिक मूल्यों को आधार बनाकर लेखा कार्य किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि विचारों की परिपक्वता, सादगी और सत्य के प्रति साहस ये तीनों गुण मिलकर एक सशक्त व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं।

भाषा पृथ्वी

जोहेब

जोहेब


लेखक के बारे में