नयी दिल्ली, 12 मई (भाषा) कांग्रेस ने सोमवार को दावा किया कि उद्योगपति गौतम अदाणी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ अमेरिका में दर्ज मामले को लेकर अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (एसईसी) द्वारा समन भेजने के लिए भारत सरकार से बार-बार अनुरोध किया गया, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं दिया गया है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि उच्चतम स्तर पर किए जा रहे तमाम प्रयासों के बावजूद ‘‘मोदानी महाघोटाले’’ को दबाया नहीं जा सकता।
अदाणी समूह ने अमेरिका में दर्ज मामले से संबंधित आरोपों और कांग्रेस द्वारा अतीत में लगाए गए दूसरे आरोपों को खारिज किया है।
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘20 नवंबर, 2024 को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारतीय सौर ऊर्जा निगम लिमिटेड (एसईसीआई) को अमेरिकी अधिकारियों ने गौतम अदाणी और उनके करीबी सहयोगियों के खिलाफ दायर आरोपपत्र में दोषी ठहराया। आरोप यह है कि एसईसीआई की सिफारिश के आधार पर विभिन्न राज्य सरकारों ने अदाणी समूह के साथ बिजली खरीद समझौते किए।’’
उन्होंने दावा किया कि इन समझौतों के बदले भारतीय सरकारी अधिकारियों को 2,029 करोड़ रुपये की रिश्वत देने और उसका वादा किए जाने की बात सामने आई है, जिसे बाद में अंतिम रूप दिया गया।
कांग्रेस महासचिव के अनुसार, दिसंबर, 2024 में एसईसीआई ने अपनी निविदा प्रक्रिया के तौर-तरीकों में बदलाव किया, जो भ्रष्टाचार की एक अप्रत्यक्ष स्वीकारोक्ति मानी जा रही है।
रमेश ने कहा, ‘‘अब एसईसीआई के सीएमडी- जो मोदी सरकार द्वारा सेवानिवृत्त नौकरशाह के रूप में नियुक्त किए गए थे, उन्हें उनके कार्यकाल की समाप्ति से महज एक महीने पहले बर्खास्त कर दिया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस बीच, अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (एसईसी) द्वारा गौतम अदाणी और अन्य आरोपियों को समन भेजने के लिए भारत सरकार से बार-बार अनुरोध किया गया है, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला है।’’
रमेश ने दावा किया कि उच्चतम स्तर पर किए जा रहे तमाम प्रयासों के बावजूद ‘‘मोदानी महाघोटाले’’ को दबाया नहीं जा सकता।
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