Conversion in MP | Photo Credit: IBC24
भोपाल: Conversion in MP आमतौर पर छत्तीसगढ़ में ही सुर्खियों में छाए रहती थी, लेकिन अब मध्यप्रदेश को भी इसकी गूंज सुनाई देने लगी है। प्रदेश में एक साथ तीन बड़े शहरों ग्वालियर, इंदौर और भोपाल से धर्मातरण की घटनाएं सामने आई है। जिसने कई सवालों को जन्म दे दिया है। सत्ता पक्ष और विपक्ष इसे लेकर आमने-सामने है और सियासी बयानबाजी जोरो पर है।
Conversion in MP तीन शहर, तीन तस्वीर, मसला एक, सवाल एक, कब रुकेगा धर्मांतरण का खेल। क्योंकि ये वो सवाल है जो पूरा मध्यप्रदेश पूछ रहा है कि आखिर मध्यप्रदेश में धर्मांतरण के मामले इतने तेजी से क्यों बढ़ रहे हैं।
विदेशी नागरिक नज़र आ रहा है। भीड़ नज़र आ रही है। साथ में एक शख्स और है। जिसे बजरंगियों ने सिर्फ इसलिए पकड़ रखा है क्योंकि उस पर धर्मांतरण का आरोप है। आप हैरान हो जाएंगे ये जानकर की विदेशी नागरिक की मौजूदगी में धर्मांतरण पर बवाल हो रहा है। 50 से ज्यादा महिलाओं के धर्मांतरण की कोशिश के आरोप लग रहे हैं। धर्मांतरण के बदले 50 हजार रुपए देने के आरोप लग रहे हैं, लेकिन पुलिस महकमा कह रहा है कि हम विदेशी नागरिक को जानते तक नहीं एफआईआर दर्ज कर एक आरोपी कालू राम गोंड को गिरफ्तार कर लिया। यानी पुलिस की दिलचस्पी विदेशी नागरिक में बिल्कुल नहीं है। ये सवाल शायद आपको भी हैरान करेगा।
वैसे बीते दिनों आपको याद होगा इंदौर में धर्म परिवर्तन करते शख्स को पकड़ा था। शख्स के साथ कुछ विदेशी नागरिक भी मौजूद थे। वैसे बस भोपाल-इंदौर ही नहीं ग्वालियर की ये तस्वीरें भी पूछ रही है कि जब इतनी बड़ी संख्या में लोगों को आपत्तिजनक शपथ दिलाई जा रही थी तो आखिर प्रशासन कहां था। हालांकि अब जरूर IBC24 की खबर का असर हुआ है। आयोजकर्ताओं पर एफआईआर के आदेश दिए गए हैं। खैर,धर्मांतरण के मामलों में आ रही तेज़ी के बाद विपक्ष बीजेपी सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस सरकार में कानून मंत्री रहे पीसी शर्मा कह रहे हैं कि बीजेपी सरकार सिर्फ बयानबाजी करती है। धर्मांतरण पर बना कानून सिर्फ कागज़ों तक ही सिमट चुका है। उधर बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा भी कह रहे हैं कि धर्मांतरण अब समाज के लिए नासूर बन चुका है।
फिलहाल धर्मांतरण के मामले में जांच जारी है, लेकिन ये सब मध्यप्रदेश के तीन सबसे बड़े शहरों में हो रहा है। प्रदेश के गांव-खेड़ों और कस्बों में क्या चल रहा है। इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं। अगर मध्यप्रदेश धर्मांतरण गिरोहों की प्रयोगभूमि बन गया है..तो सिस्टम क्या कर रहा है। ये सवाल उठता है। सवाल ये भी है कि आखिर ये अंधेरगर्दी चलने क्यों दी जा रही है?