बिहार में पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू होने के बाद पार्टियों के बीएलए की संख्या बढ़ी

बिहार में पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू होने के बाद पार्टियों के बीएलए की संख्या बढ़ी

बिहार में पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू होने के बाद पार्टियों के बीएलए की संख्या बढ़ी
Modified Date: July 2, 2025 / 06:30 pm IST
Published Date: July 2, 2025 6:30 pm IST

नयी दिल्ली, दो जुलाई (भाषा) बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया के गति पकड़ने के साथ ही राज्य में राजनीतिक दलों ने पहले से अधिक बूथ-स्तरीय एजेंट की नियुक्ति शुरू कर दी है जो मतदाता सूची की तैयारी और पुनरीक्षण के दौरान चुनाव मशीनरी के साथ समन्वय स्थापित करते हैं।

ये बूथ-स्तरीय एजेंट (बीएलए) मतदाताओं को शामिल करने या हटाने के बारे में दावे और आपत्तियां दर्ज कराते हैं।

आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भाजपा के पास पहले 51,964 बीएलए थे, लेकिन बुधवार को यह संख्या 52,698 हो चुकी थी।

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मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने अपने बीएलए कई गुना बढ़ा दिये है। विशेष गहन पुनरीक्षण आरंभ होने से पहले माकपा के पास 76 बीएल थे, लेकिन अब यह संख्या 578 हो गई है।

कांग्रेस द्वारा नियुक्त बीएलए की संख्या 8,586 से दोगुनी होकर 16,500 हो गई है।

पिछले सप्ताह विशेष पुनरीक्षण शुरू होने से पहले बहुजन समाज पार्टी के पास 26 बीएलए थे। इसके बीएलए की संख्या अब 74 हो गई है।

भाजपा, कांग्रेस, माकपा और बसपा मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दल हैं।

भाषा हक हक पवनेश

पवनेश


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