‘अग्निपथ’ योजना: न्यायालय ने लंबित याचिकाएं दिल्ली उच्च न्यायालय को स्थानांतरित कीं

‘अग्निपथ’ योजना: न्यायालय ने लंबित याचिकाएं दिल्ली उच्च न्यायालय को स्थानांतरित कीं

‘अग्निपथ’ योजना: न्यायालय ने लंबित याचिकाएं दिल्ली उच्च न्यायालय को स्थानांतरित कीं
Modified Date: November 29, 2022 / 08:03 pm IST
Published Date: July 19, 2022 12:33 pm IST

नयी दिल्ली, 19 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र की ‘अग्निपथ’ योजना को चुनौती देने वाली सभी जनहित याचिकाओं को दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने का मंगलवार को निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना की एक पीठ ने केरल, पंजाब एवं हरियाणा, पटना और उत्तराखंड उच्च न्यायालय में भी इस योजना के खिलाफ दायर की गईं सभी जनहित याचिकाओं को दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने या उस समय तक इन पर फैसला निलंबित रखने को कहा जब तक दिल्ली उच्च न्यायालय इसपर निर्णय नहीं कर लेता।

पीठ ने कहा कि इन चार उच्च न्यायालयों के समक्ष याचिकाएं दायर करने वाले याचिकाकर्ता दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष कार्यवाही में पक्षकार बनने का विकल्प चुन सकते हैं।

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उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह इसलिए याचिकाएं स्थानांतरित कर रहा है, क्योंकि यह उचित होगा यदि उसे इस संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय की राय का लाभ मिल पाए।

उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय से सभी स्थानांतरित जनहित याचिकाओं के साथ-साथ उसके समक्ष लंबित याचिकाओं पर शीघ्र विचार करने को भी कहा।

सरकार ने 14 जून को ‘अग्निपथ’ योजना की घोषणा की थी। योजना के तहत साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष तक की उम्र के युवाओं को चार साल के कार्यकाल के लिए सशस्त्र बलों में शामिल किया जाएगा। इनमें से 25 प्रतिशत को बाद में नियमित सेवा में शामिल किया जाएगा। सरकार ने बाद में वर्ष 2022 के लिए इस योजना के तहत भर्ती के वास्ते ऊपरी आयु सीमा को 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया था।

भाषा निहारिका प्रशांत

प्रशांत


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