कृषि कानून: याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय में सोमवार को होगी सुनवाई

कृषि कानून: याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय में सोमवार को होगी सुनवाई

कृषि कानून: याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय में सोमवार को होगी सुनवाई
Modified Date: November 29, 2022 / 08:41 pm IST
Published Date: January 17, 2021 10:00 am IST

नयी दिल्ली, 17 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय तीन विवादास्पद कृषि कानूनों और दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान प्रदर्शनों संबंधी याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई करेगा।

शीर्ष अदालत गतिरोध को समाप्त करने के लिए बनाई गई समिति के एक सदस्य के स्वयं को अलग कर लेने के मामले पर भी गौर कर सकती है।

न्यायालय दिल्ली पुलिस द्वारा दायर की गई केंद्र सरकार की उस याचिका पर भी सुनवाई करेगा, जिसमें 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर प्रस्तावित ट्रैक्टर या ट्रॉली मार्च या किसी अन्य तरह के प्रदर्शन पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है।

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प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबड़े की अगुवाई में न्यायालय की एक पीठ ने एक अंतरिम आदेश में अगले आदेश तक नए कृषि कानूनों के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी और शिकायतों को सुनने तथा गतिरोध के समाधान पर अनुशंसा करने के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया था।

समिति में भारतीय किसान यूनियन के भूपेंद्र सिंह मान, अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति शोध संस्थान के दक्षिण एशिया के निदेशक डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी और शेतकरी संगठन के अध्यक्ष अनिल घनवट को शामिल किया गया।

न्यायालय ने कहा था कि वह समिति के सुझाव देने के बाद याचिकाओं पर सुनवाई करेगा, लेकिन न्यायालय के प्रयासों को उस समय झटका लगता प्रतीत हुआ, जब मान ने 14 जनवरी को खुद को समिति से अलग कर लिया था।

इस पीठ में न्यायमूर्ति एन नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति विनीत सरन भी शामिल है। यह पीठ समिति से मान के स्वयं को अलग करने और उनकी जगह किसी अन्य को नियुक्त करने जैसे मामलों पर भी विचार कर सकती है।

किसान संगठन ‘भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति’ ने शनिवार को न्यायालय से आग्रह किया था कि समिति से शेष तीनों सदस्यों को हटाया जाए और ऐसे लोगों को उसमें रखा जाए जो ‘‘परस्पर सौहार्द के आधार पर’’ काम कर सकें।

किसान संगठन का कहना है कि यह नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन होगा, क्योंकि चार सदस्यीय समिति में जिन लोगों को नियुक्त किया गया है ‘‘उन्होंने इन कानूनों का समर्थन किया है’’।

एक हलफनामे में संगठन ने केंद्र सरकार की उस याचिका को भी खारिज करने की मांग की है जिसे केंद्र सरकार ने दिल्ली पुलिस के मार्फत दायर कर 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च या किसी अन्य प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग की है।

उल्लेखनीय है कि पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों से आए हजारों किसान पिछले एक महीने से भी अधिक समय से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं।

भाषा सिम्मी पवनेश

पवनेश


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