महिला कांस्टेबल के साथ द्रमुक कार्यकर्ताओं की कथित छेड़छाड़ को लेकर अन्नाद्रमुक का सदन से बर्हिगमन |

महिला कांस्टेबल के साथ द्रमुक कार्यकर्ताओं की कथित छेड़छाड़ को लेकर अन्नाद्रमुक का सदन से बर्हिगमन

महिला कांस्टेबल के साथ द्रमुक कार्यकर्ताओं की कथित छेड़छाड़ को लेकर अन्नाद्रमुक का सदन से बर्हिगमन

:   Modified Date:  January 11, 2023 / 05:19 PM IST, Published Date : January 11, 2023/5:19 pm IST

चेन्नई, 11 जनवरी (भाषा) अन्नाद्रमुक ने द्रमुक के दो कार्यकर्ताओं द्वारा एक महिला कांस्टेबल के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ किये जाने के मुद्दे पर बुधवार को राज्य सरकार पर निशाना साधा और तमिलनाडु विधानसभा से बर्हिगमन किया। हालांकि, मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने कहा कि इस मामले में तेजी से कार्रवाई की गई है।

स्टालिन ने अन्नाद्रमुक के एक दशक के शासन काल में कानून-व्यवस्था के गंभीर मुद्दों का उल्लेख करते हुए प्रमुख विपक्षी दल पर पलटवार किया।

नेता प्रतिपक्ष के. पलानीस्वामी ने सत्तारूढ़ द्रमुक के एक कार्यक्रम में दो लोगों द्वारा एक महिला कांस्टेबल के साथ कथित रूप से छेड़छाड़ किये जाने का मुद्दा सदन में उठाने का प्रयास किया, जिस पर विधानसभा अध्यक्ष एम. अप्पावु ने कहा कि आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और यह मामला अदालत के समक्ष विचाराधीन है।

यह भी उल्लेखनीय है कि आरोपी द्रमुक कार्यकर्ताओं को घटना के तुरंत बाद पार्टी से निलंबित कर दिया गया था।

अन्नाद्रुमक के सदस्यों ने शोर-शराबा करते हुए अपने नेता को इस मुद्दे पर बोलने की अनुमति देने की विधानसभा अध्यक्ष से मांग की। इस पर, स्टालिन ने अप्पावु से अनुरोध किया कि वह नियमों के अनुसार अर्जी पर विचार करें। स्टालिन ने कहा कि वह कानून और व्यवस्था पर विपक्ष के आरोपों का जवाब देंगे।

अन्नाद्रमुक नेता ने राज्य में कानून-व्यवस्था बिगड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह निंदनीय है कि मामले में गिरफ्तारी दो दिन बाद की गई। पलानीस्वामी ने कहा कि अगर एक पुलिस कांस्टेबल के सामने ऐसी स्थिति आ जाए तो दूसरों की क्या दुर्दशा हो सकती है। इसके बाद, पलानीस्वामी ने पार्टी विधायकों के साथ सदन से बर्हिगमन किया।

अन्नाद्रमुक शासन के दौरान इसी तरह की एक शिकायत में पुलिस अधीक्षक रैंक की दो महिला अधिकारियों को परेशान किये जाने का दावा करते हुए मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा, ‘‘मैं केवल यह पूछ रहा हूं कि क्या अन्नाद्रमुक शासन के दौरान किसी भी मामले में शिकायत के बाद तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने और 72 घंटे के भीतर जांच और गिरफ्तारी की ऐसी त्वरित कार्रवाई की गई थी।’’

भाषा शफीक सुरेश

सुरेश

 

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