ज्ञानवापी मामला : कोर्ट के फैसले से बिफरे असदुद्दीन ओवैसी, कहा- ‘बाबरी की राह पर जा रहा है केस’
उन्होंने आगे कहा कि इस अधिनियम को इसीलिए लाया गया था ताकि देश में धर्म स्थलों को लेकर विवाद थम जाएं, लेकिन इस मामले में अदालत ने ये सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम वापस 80-90 के दशक में जा रहे हैं।
Asaduddin Owaisi's statement
Owaisi On Gyanvapi Case: AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को ज्ञानवापी केस पर अहम बयान देते हुए कहा कि श्रृंगार गौरी विवाद में कोर्ट के आदेश से “अस्थिरता का प्रभाव” पड़ेगा। ओवैसी ने यह भी कहा कि “मुझे विश्वास है कि इस आदेश के बाद पूजा स्थल अधिनियम 1991 का उद्देश्य विफल हो जाएगा.” उन्होंने आगे कहा कि इस अधिनियम को इसीलिए लाया गया था ताकि देश में धर्म स्थलों को लेकर विवाद थम जाएं, लेकिन इस मामले में अदालत ने ये सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम वापस 80-90 के दशक में जा रहे हैं।
ओवैसी ने कहा कि यह मामला बाबरी मस्जिद मुद्दे की तरह ही चल रहा है। उन्होंने कहा, “जब बाबरी मस्जिद पर फैसला आया था, तो मैंने सभी को चेतावनी दी थी कि इससे देश में समस्याएं पैदा होंगी क्योंकि यह फ़ैसला आस्था के आधार पर दिया गया था.” उन्होंने कहा, ‘इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील होनी चाहिए। मुझे उम्मीद है कि अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी इस आदेश के खिलाफ अपील करेगी.‘
कोर्ट का ये आया फैसला
Owaisi On Gyanvapi Case: इससे पहले वाराणसी की जिला अदालत ने सोमवार को ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में कहा कि वह पूजा के अधिकार की मांग वाली याचिका पर सुनवाई जारी रखेगी। अदालत ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी। हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने बताया कि जिला न्यायाधीश एके विश्वेश ने मामले की पोषणीयता पर सवाल उठाने वाली याचिका को खारिज करते हुए सुनवाई जारी रखने का निर्णय किया।
बता दें कि इस मामले में पांच महिलाओं ने याचिका दायर कर हिंदू देवी-देवताओं की दैनिक पूजा की अनुमति मांगी थी, जिनके विग्रह ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हैं। अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति ने ज्ञानवापी मस्जिद को वक्फ संपत्ति बताते हुए कहा था कि मामला सुनवाई योग्य नहीं है। जिला न्यायाधीश ने पिछले महीने इस मामले में आदेश 12 सितंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। मामले में अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी।

Facebook



