एयर इंडिया हादसा: कोलकाता में रूपाणी के रिश्तेदार उनके निधन की खबर पर नहीं कर पा रहे भरोसा

एयर इंडिया हादसा: कोलकाता में रूपाणी के रिश्तेदार उनके निधन की खबर पर नहीं कर पा रहे भरोसा

एयर इंडिया हादसा: कोलकाता में रूपाणी के रिश्तेदार उनके निधन की खबर पर नहीं कर पा रहे भरोसा
Modified Date: June 13, 2025 / 10:14 pm IST
Published Date: June 13, 2025 10:14 pm IST

कोलकाता, 13 जून (भाषा) बृहस्पतिवार दोपहर जब टीवी स्क्रीन पर एअर इंडिया के विशालकाय विमान के जमीन पर गिरकर आग के गोले में तब्दील होने के चौंकाने वाले दृश्य दिखाई दिए तो दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर निवासी 70 वर्षीय विपुल रूपाणी को शायद ही पता होगा कि यह भयावहता जल्द ही एक अकथनीय व्यक्तिगत त्रासदी में बदल जाएगी।

गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के रिश्ते के भाई विपुल को अपने भाई की मौत के बारे में दिन में बाद में उनके एक पारिवारिक सदस्य द्वारा सोशल मीडिया ग्रुप पर की गई पोस्ट से पता चला। रूपाणी ब्रिटेन जाने वाली उड़ान में सवार थे और दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई।

विपुल ने शुक्रवार को लगभग रोते हुए ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “मैंने एक अभिभावक खो दिया, जो मेरे और कोलकाता में परिवार के अन्य सदस्यों के साथ हर अच्छे-बुरे समय में खड़ा रहा।”

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दिवंगत भाजपा नेता के बड़े भाई उम्मेद रूपाणी सहित रूपाणी परिवार के लगभग 25 सदस्य पीढ़ियों से कोलकाता और निकटवर्ती हावड़ा के विभिन्न हिस्सों में रहते आए हैं, जबकि विजय रूपाणी पढ़ाई के लिए राजकोट चले गए और अंततः गुजरात में बस गए।

दिवंगत नेता को अपना बड़ा भाई बताते हुए विपुल ने पिछले साल एक पारिवारिक समारोह में शामिल होने के लिए उनकी कोलकाता यात्रा को याद किया।

उन्होंने कहा, “पिछली बार वह (विजय) कोलकाता एक साल पहले आए थे, जब वह अपने बड़े भाई उम्मेद के साथ हाजरा में उनके घर पर रुके थे, जहां मैं रहता हूं, उससे ज़्यादा दूर नहीं। हमने खूब बातें कीं और साथ में खूब मौज-मस्ती की। उस समय वह गुजरात के राजनीतिक नेता नहीं थे, लेकिन वह सभी को अपना करीबी रिश्तेदार मानते थे।”

मध्य कोलकाता में व्यवसाय करने वाले विपुल ने दुख जताते हुए कहा, “बड़े भाई की मौत मेरे लिए सदमा है। यह हमारे परिवार के लिए बहुत बड़ी क्षति है। यह एक ऐसी त्रासदी है जिससे उबर पाना हमारे लिए बहुत मुश्किल होगा। वह रूपाणी परिवार के अभिभावक थे।”

उन्होंने कहा, “उम्मेद भाई बोलने की स्थिति में नहीं हैं। वह फोन भी नहीं उठा रहे हैं। वह आज अहमदाबाद पहुंचे हैं।”

भाषा प्रशांत माधव

माधव


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