दिल्ली में वायु प्रदूषण धीमे जहर की तरह, सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे: कांग्रेस
दिल्ली में वायु प्रदूषण धीमे जहर की तरह, सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे: कांग्रेस
नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) कांग्रेस ने दिल्ली में वायु प्रदूषण की तुलना ‘धीमे जहर’ से करते हुए शनिवार को कहा कि सरकार को इस ‘राष्ट्रीय समस्या’ पर सभी हितधारकों के साथ बातचीत करनी चाहिए और इस मुद्दे से निपटने के लिए सांसदों के स्तर की समिति बनाने पर भी विचार करना चाहिए।
कांग्रेस ने भाजपा-आप पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकारों को लोकलुभावन राजनीति करने के लिए बहुत समय मिलेगा, लेकिन यदि वे सारा पैसा मुफ्त की योजनाओं पर खर्च कर देंगी तो बुनियादी सुविधाओं के लिए धन नहीं बचेगा।
एआईसीसी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी के नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि दिल्ली की प्रदूषित हवा सारी सीमाएं पार कर चुकी है और राजधानी की मौजूदा भयावह स्थिति “धीमे जहर” जैसी है।
उन्होंने कहा कि चिकित्सकों का कहना है कि दिल्ली की प्रदूषित हवा से एक सामान्य व्यक्ति की उम्र 6 से 7 साल तक घट रही है, और बीमार लोग इससे और भी ज्यादा जोखिम में हैं।
दीक्षित ने कहा, “कई कारणों से वायु प्रदूषण होता है। आम नागरिक होने के नाते हमें सरकारों से सवाल पूछने चाहिए और उन्हें उनके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराना चाहिए।”
उन्होंने कहा, ‘वायु प्रदूषण का केवल एक छोटा हिस्सा पराली जलाने और दिवाली के दौरान पटाखे फोड़ने से होता है। सर्दी में थोड़ा प्रदूषण बढ़ता है, लेकिन ये प्रमुख कारण नहीं हैं। वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण वाहन हैं। वाहनों से होने वाला वायु प्रदूषण पूरे साल जारी रहता है। इसका योगदान लगभग 35 प्रतिशत है।’
दीक्षित ने कहा कि दिल्ली और पंजाब की भाजपा-आप सरकारों के बीच आरोप-प्रत्यारोप के बीच साधारण व्यक्ति सबसे अधिक परेशान हो रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकारों की भ्रमित करने वाली नीतियों के कारण दिल्ली की जनता पीड़ित है।
उन्होंने कहा कि सरकार को प्रदूषण पर नियंत्रण करना चाहिए, और यदि वह ऐसा करने में असमर्थ है तो उसे सरकार कहलाने का कोई अधिकार नहीं है।
दीक्षित ने कहा, ‘मेरा बस इतना कहना है, जनता को गुमराह करना बंद करें। वायु प्रदूषण की वजह से यह शहर अब रहने लायक नहीं बचा है।’
शनिवार की सुबह दिल्ली की समग्र वायु गुणवत्ता “बहुत खराब” श्रेणी में रही और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 332 दर्ज किया गया।
सीपीसीबी के मानकों के अनुसार, एक्यूआई को शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।
भाषा जोहेब माधव
माधव

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