इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यूट्यूबर एल्विश यादव की आपराधिक मुकदमे के खिलाफ दायर याचिका खारिज की

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यूट्यूबर एल्विश यादव की आपराधिक मुकदमे के खिलाफ दायर याचिका खारिज की

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Modified Date: May 12, 2025 / 03:55 PM IST
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Published Date: May 12, 2025 3:55 pm IST

प्रयागराज, 12 मई (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यूट्यूबर एल्विश यादव की वह याचिका सोमवार को खारिज कर दी जिसमें सांप के कथित रूप से दुरुपयोग को लेकर उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमे और आरोप पत्र को चुनौती दी गई थी।

आरोप पत्र में एल्विश यादव के खिलाफ रेव पार्टियां आयोजित कर विदेशियों को सांप के जहर का नशा करने के लिए आमंत्रित करने का भी आरोप लगाया गया है।

न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव ने मौखिक रूप से कहा कि आरोप पत्र और प्राथमिकी में यादव के खिलाफ बयान हैं और इन आरोपों की सच्चाई का मुकदमे के दौरान पता लगाया जाएगा। अदालत ने इस टिप्पणी के साथ याचिका खारिज कर दी।

यादव की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता नवीन सिन्हा और अधिवक्ता निपुण सिंह ने दलील दी कि जिस व्यक्ति ने यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है, वह वन्यजीव अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए सक्षम नहीं है। उन्होंने कहा कि साथ ही उस पार्टी में ना तो यादव मौजूद थे और ना ही उनके पास से कोई बरामदगी हुई।

वहीं, दूसरी ओर, इस याचिका का विरोध करते हुए अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कहा कि जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया है कि जिन लोगों के पास से सांप बरामद किए गए, उन्हें इसकी आपूर्ति यादव ने की थी।

एल्विश यादव की तरफ से यह दलील भी दी गई है कि याचिकाकर्ता और सह आरोपियों के बीच कोई सामान्य संबंध स्थापित नहीं हुए हैं।

यादव के अधिवक्ताओं ने कहा कि याचिकाकर्ता एक प्रभावशाली व्यक्ति है जो टेलीविजन पर कई रियलिटी शो में दिखाई दे चुके हैं।

उन्होंने कहा कि मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए पुलिस के अधिकारियों ने याचिकाकर्ता को गिरफ्तार करने के तुरंत बाद एनडीपीएस अधिनियम की धारा 27 और 27ए लगा दी।

वकीलों ने दावा किया कि हालांकि, पुलिस के अधिकारी अतिरिक्त आरोपों को साबित करने में विफल रहे जिसके बाद उन्होंने ये धाराएं हटा दीं।

भाषा राजेंद्र नोमान

नोमान

 

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