नकदी बरामदगी विवाद के बीच सरकार ने न्यायमूर्ति वर्मा के स्थानांतरण की अधिसूचना जारी की
नकदी बरामदगी विवाद के बीच सरकार ने न्यायमूर्ति वर्मा के स्थानांतरण की अधिसूचना जारी की
नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय स्थानांतरित करने की अधिसूचना जारी कर दी।
विधि मंत्रालय ने यह अधिसूचना न्यायमूर्ति वर्मा के दिल्ली स्थित आधिकारिक आवास से कथित तौर पर भारी मात्रा में नकदी मिलने को लेकर उठे विवाद के बीच जारी की है।
उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने सोमवार को न्यायमूर्ति वर्मा के स्थानांतरण की सिफारिश करते हुए कहा था कि यह कदम 14 मार्च को होली की रात आग लगने की घटना के बाद उनके आवास से कथित तौर पर नकदी मिलने के संबंध में शीर्ष अदालत द्वारा आदेशित आंतरिक जांच से अलग है।
उच्चतम न्यायालय द्वारा सोमवार को दिये गए प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने 20 और 24 मार्च, 2025 को हुई अपनी बैठकों में दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वापस भेजने की सिफारिश की है।’’
उच्चतम न्यायालय ने 21 मार्च को कहा था कि दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय ने न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ आंतरिक जांच शुरू की है और उन्हें स्थानांतरित करने का एक अलग प्रस्ताव है।
बताया गया कि न्यायमूर्ति उपाध्याय ने 20 मार्च को उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम की बैठक से पहले ही जांच शुरू कर दी थी।
नकदी की कथित बरामदगी 14 मार्च की रात करीब 11.35 बजे वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित आवास में आग लगने के बाद हुई।
इसके बाद, प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम और दिल्ली उच्च न्यायालय ने न्यायमूर्ति वर्मा से न्यायिक कार्य वापस लेने समेत कई निर्देश जारी किए।
न्यायमूर्ति वर्मा ने स्पष्ट रूप से इस बात से इनकार किया है कि उनके या उनके परिवार के किसी सदस्य द्वारा उनके आवासीय परिसर के स्टोर रूम में कोई नकदी रखी गई थी। साथ ही उन्होंने इस बात दावे का भी खंडन किया कि कथित नकदी उनकी थी। न्यायमूर्ति वर्मा ने कहा कि उनके सरकारी आवास से नकदी मिलने के आरोप स्पष्ट रूप से उन्हें फंसाने और बदनाम करने की साजिश प्रतीत होते हैं।
भाषा धीरज देवेंद्र
देवेंद्र

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