कर्नाटक मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलों के बीच परमेश्वर ने मंत्रियों के साथ बैठक को नहीं दी तवज्जो
कर्नाटक मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलों के बीच परमेश्वर ने मंत्रियों के साथ बैठक को नहीं दी तवज्जो
बेंगलुरु, 10 अक्टूबर (भाषा) कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने मंत्रिमंडल में फेरबदल और मुख्यमंत्री पद पर बदलाव की अटकलों के बीच, वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बंद कमरे में हुई बैठक को अधिक तवज्जो नहीं देते हुए शुक्रवार को कहा कि यह एक ‘‘अनौपचारिक और गैर-राजनीतिक’’ बैठक थी।
उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया द्वारा 13 अक्टूबर को अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के लिए आयोजित किए जा रहे भोज को एक ‘अनौपचारिक’ बैठक बताया तथा मुख्यमंत्री पद पर बदलाव की अटकलों को तवज्जो नहीं दी।
गृह मंत्री जी परमेश्वर, समाज कल्याण मंत्री एच सी महादेवप्पा और लोक निर्माण मंत्री सतीश जरकीहोली के बीच बृहस्पतिवार को बंद कमरे में हुई बैठक से हलचल मच गई।
परमेश्वर ने कहा, ‘ऐसा कुछ नहीं है। मुझे नहीं पता कि आप इसे कैसे देखते हैं। हम सामान्य रूप से मिलते रहे हैं। कई बार हम दोस्त – जरकीहोली (सतीश जरकीहोली), महादेवप्पा और मैं- कई मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मिलते हैं। ये राजनीतिक बैठकें नहीं होतीं।’
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘कल मंत्रिमंडल की बैठक हुई थी और कुछ विषय संवेदनशील थे, इसलिए हमने नाश्ते पर चर्चा की।’
उन्होंने कहा, ‘यह एक अनौपचारिक बैठक थी। इसमें कुछ भी खास नहीं है… हमने ऐसी कई बैठकें की हैं। यह पहली बार नहीं है। इससे पहले हम सतीश जरकीहोली और महादेवप्पा के घर पर बैठकें कर चुके हैं। यह कोई नयी बात नहीं है।’
ऐसी भी खबरें आई हैं कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बृहस्पतिवार रात इन वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की।
नवंबर में कांग्रेस नीत सरकार के अपने पांच साल के कार्यकाल के आधे पड़ाव पर पहुंचने के साथ राज्य में नेतृत्व परिवर्तन और मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलें तेज़ हैं, जिसे कुछ लोग ‘नवंबर क्रांति’ भी कह रहे हैं। इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में परमेश्वर ने कहा, ‘किसने कहा कि नवंबर में क्रांति होगी? मुझे नहीं पता…’
मुख्यमंत्री के भोज पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने पूछा, ‘क्या मुख्यमंत्री ने कभी रात्रिभोज की बैठक नहीं बुलाई? वैसे ही उन्होंने बुलाई है। भोजन के अलावा कोई एजेंडा नहीं है…यह भोजन पर एक अनौपचारिक बैठक है।’
मंत्रिमंडल में फेरबदल के सवाल पर मंत्री ने कहा कि ये बातें मुख्यमंत्री से पूछी जानी चाहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस आलाकमान ने मंत्रियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन किया है, उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसी किसी बात की जानकारी नहीं है।
जब परमेश्वर को बताया गया कि आलाकमान ने पहले भी मंत्रियों पर रिपोर्ट ली थी, तो उन्होंने कहा, ‘ऐसी बातें लगातार होती रहती हैं, इससे चीज़ों को जोड़ने की ज़रूरत नहीं है।’
सूत्रों के अनुसार, सरकार के ढाई साल पूरे होने पर मंत्रिमंडल में फेरबदल करने के मुख्यमंत्री के किसी भी कदम को इस बात का संदेश माना जाएगा कि वह सत्ता में आगे भी बने रहेंगे।
मुख्यमंत्री पद पर बदलाव की चर्चाओं के बीच सिद्धरमैया ने लगातार दोहराया है कि वह पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। राज्य में विशेषकर सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर, इस वर्ष के अंत में मुख्यमंत्री पद पर बदलाव के कयास लगाए जा रहे हैं, जिसमें सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार के बीच सत्ता-साझाकरण समझौते का हवाला दिया जा रहा है।
भाषा आशीष पवनेश
पवनेश

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