Amit Shah Poscast Live: ‘बी सुदर्शन रेड्डी की वजह से 2 दशकों तक जिन्दा रहा नक्सलवाद’.. विपक्षी दल के वाइस प्रेजिडेंट कैंडिडेट पर अमित शाह का सीधा हमला, खुद सुनें
130वें संशोधन विधेयक पर विपक्ष के आरोपों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "आज इस देश में एनडीए के मुख्यमंत्रियों की संख्या ज़्यादा है।
Amit Shah Podcast Live || Image- ANI News File
- धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से दिया इस्तीफा: शाह
- विपक्ष जेल से सरकार चलाना चाहता है: शाह
- 130वां संशोधन विधेयक पास होगा: अमित शाह
Amit Shah Podcast Live: नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जगदीप धनखड़ के इस्तीफ़ा और दूसरे अलग मुद्दों पर ANI से विशेष बातचीत में बड़े खुलासे किये है। यह पॉडकॉस्ट आज सुबह ही प्रसारित हुआ है। गृह मंत्री अमित शाह ने 130वें संविधान संशोधन विधेयक के खिलाफ विपक्ष के रुख पर ANI को दिए इंटरव्यू में कहा, “आज भी ये कोशिश कर रहे हैं कि अगर कभी जेल गए तो जेल से ही आसानी से सरकार बना लेंगे। जेल को ही CM हाउस, PM हाउस बना देंगे और DGP, मुख्य सचिव, कैबिनेट सचिव या गृह सचिव जेल से ही आदेश लेंगे।”
बी सुदर्शन रेड्डी पर बड़ा आरोप
गृह मंत्री अमित शाह ने INDIA गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी पर कहा, “उन्होंने सलवा जुडूम को खारिज कर दिया और आदिवासियों के आत्मरक्षा के अधिकार को खत्म कर दिया। इसी वजह से इस देश में नक्सलवाद दो दशकों से ज़्यादा समय तक चला… मेरा मानना है कि वामपंथी विचारधारा ही (सुदर्शन रेड्डी को चुनने का) मानदंड रही होगी।’
130वें संशोधन विधेयक पर कही बड़ी बात
Amit Shah Podcast Live: गृह मंत्री अमित शाह ने गंभीर आपराधिक आरोपों में फंसे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को हटाने के लिए 130वें संशोधन विधेयक पर कहा, “…संसद में चुनी हुई सरकार कोई भी विधेयक या संवैधानिक संशोधन लाए इसे सदन के समक्ष रखने में क्या आपत्ति हो सकती है? जबकि मैंने स्पष्ट कर दिया था कि हम इसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति को सौंपेंगे। दूसरी बात जब इस पर मतदान होगा, तो आप अपनी मत व्यक्त कर सकते हैं। यह एक संवैधानिक संशोधन है, दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत आवश्यक है। हमारे पास (दो-तिहाई बहुमत) है या नहीं, यह उस समय साबित हो जाएगा।” “क्या लोकतंत्र में किसी भी सरकारी विधेयक या संविधान संशोधन को सदन में पेश न करने देना और इस तरह का व्यवहार करना उचित है? क्या देश की संसद के दोनों सदन बहस के लिए हैं या शोर-शराबे और हंगामे के लिए? हमने भी विभिन्न मुद्दों पर विरोध किया है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि विधेयक पेश न करने देने की मानसिकता लोकतांत्रिक है। विपक्ष को जनता को जवाब देना होगा…”
130वें संशोधन विधेयक पर विपक्ष के आरोपों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “आज इस देश में एनडीए के मुख्यमंत्रियों की संख्या ज़्यादा है। प्रधानमंत्री भी एनडीए से हैं इसलिए ये बिल सिर्फ़ विपक्ष के लिए ही सवाल नहीं उठाता। ये हमारे मुख्यमंत्रियों के लिए भी सवाल उठाता है… इसमें 30 दिन की ज़मानत का प्रावधान है। अगर ये फ़र्ज़ी किस्म का मामला है, तो देश का हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट आँख मूंदकर नहीं बैठा है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट को किसी भी मामले में ज़मानत देने का अधिकार है। अगर ज़मानत नहीं मिलती, तो आपको पद छोड़ना पड़ेगा। मैं देश की जनता और विपक्ष से पूछना चाहता हूं कि क्या कोई सीएम, कोई पीएम या कोई मंत्री जेल से अपनी सरकार चला सकता है? क्या ये देश के लोकतंत्र के लिए उचित है?…” 130वें संशोधन विधेयक पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ” जहां 5 साल से ज़्यादा सज़ा का प्रावधान है, वहां व्यक्ति को पद छोड़ना होगा। किसी छोटे-मोटे आरोप के लिए पद नहीं छोड़ना… आज भी भारत के जनप्रतिनिधित्व अधिनियम में प्रावधान है कि अगर किसी निर्वाचित प्रतिनिधि को दो साल या उससे ज़्यादा की सज़ा होती है, तो उसे संसद सदस्य के पद से मुक्त कर दिया जाएगा… कई लोगों की सदस्यता समाप्त हुई और सज़ा पर रोक लगने के तुरंत बाद बहाल हो गई।”
गृहमंत्री अमित शाह EXCLUSIVE
https://t.co/QfpVPaHtds— IBC24 News (@IBC24News) August 25, 2025

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