आनंदीबेन पटेल ने अपने नेतृत्व का इस्तेमाल पद के लिए नहीं, उद्देश्य के लिए किया: शाह
आनंदीबेन पटेल ने अपने नेतृत्व का इस्तेमाल पद के लिए नहीं, उद्देश्य के लिए किया: शाह
अहमदाबाद, सात दिसंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रशंसा करते हुए रविवार को कहा कि उनका (आनंदीबेन का) पूरा जीवन उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए समर्पित रहा, जो उन्होंने जनता के लिए निर्धारित किए थे।
आनंदीबेन (84) ने नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद गुजरात की मुख्यमंत्री के रूप में काम किया था। उनके जीवन पर आधारित पुस्तक ‘चुनौतियां मुझे पसंद हैं’ के गुजराती संस्करण के विमोचन कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए शाह ने कहा कि आनंदीबेन की पूरी यात्रा इस पुस्तक का सार है और इसे एक वाक्य में समेटा जा सकता है कि ‘‘नेतृत्व पद के बारे में नहीं, बल्कि उद्देश्य के बारे में है।’’
शाह ने कहा, ‘‘आनंदीबेन की जीवन यात्रा दर्शाती है कि उनका पूरा जीवन लोगों के लिए निर्धारित लक्ष्यों के लिए समर्पित रहा है। आनंदीबेन ने अपने जीवन के विभिन्न चरणों में संघर्ष किया, एक छात्रा के रूप में और एक शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता व नेता के रूप में भी। उन्होंने विधायक बनने से लेकर गुजरात की शिक्षा मंत्री, राजस्व मंत्री, मुख्यमंत्री और फिर तीन राज्यों की राज्यपाल बनने तक कई चुनौतियों का सामना किया।’’
राज्यपाल के रूप में आनंदीबेन के कार्यकाल की प्रशंसा करते हुए शाह ने कहा कि उन्होंने (आनंदीबेन ने) राज्यपाल की संस्था को पुनर्जीवित करने के प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों में मदद की।
आनंदीबेन और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की मौजूदगी में गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने राज्यपाल की संस्था को पुनर्जीवित किया है और इसे टीबी उन्मूलन, स्कूल छोड़ने की दर में कमी, 100 प्रतिशत नामांकन, स्वच्छता तथा प्राकृतिक खेती आदि जैसे मुद्दों से जोड़ा है।
शाह ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने राज्यपालों के कार्यालयों को विभिन्न पहलों के संबंध में सुझाव भेजे, जो राष्ट्र को प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ा सकें और विकास को एक स्पष्ट दिशा दे सकें। आनंदीबेन ने जहां भी राज्यपाल के रूप में कार्य किया, उन्होंने एक समर्पित शिक्षक की भूमिका निभाते हुए इन सभी पहलों को पूरी निपुणता के साथ लागू करने का प्रयास किया, जिसके परिणामस्वरूप संबंधित राज्यों में गुणात्मक परिवर्तन हुए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने और सभी विश्वविद्यालयों को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) से पंजीकृत कराने के लिए किए गए प्रयास उल्लेखनीय हैं। यही कारण है कि आज उत्तर प्रदेश में नैक से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों की संख्या सबसे अधिक है, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।’’
शाह ने कहा, ‘‘राज्यपालों के सम्मेलन में प्रत्येक राज्यपाल को उनके काम का विवरण देने के लिए मिला पांच मिनट का समय पूरा होने पर मुझे घंटी बजाकर अगले राज्यपाल को अपनी बात रखने के लिए आमंत्रित करना पड़ता है। सबसे कठिन रिपोर्टिंग उत्तर प्रदेश से होती है, क्योंकि वहां इतना काम होता है कि सवाल उठता है कि (इतने कम समय में) उसका सारांश कैसे पेश किया जाए।’’
शाह ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश के प्रभारी रहे हैं और उन्होंने वहां की शिक्षा प्रणाली को प्रत्यक्ष देखा है।
आनंदीबेन की तारीफ करते हुए गृह मंत्री ने कहा, ‘‘इसमें सुधार लाना बहुत चुनौतीपूर्ण काम है।’’
शाह ने बताया कि नर्मदा परियोजना की नींव प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने रखी थी, लेकिन इसका निर्माण कार्य प्रधानमंत्री मोदी और (गुजरात की तत्कालीन) मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के कार्यकाल में पूरा हुआ।
उन्होंने कहा कि जब आनंदीबेन गुजरात की राजस्व मंत्री थीं, तो भूमि अधिग्रहण का काम बहुत कुशलता से किया गया, जिससे बांध की ऊंचाई का काम जल्दी पूरा हो सका, द्वार लगाए जा सके और राजस्थान तक पर्याप्त पानी पहुंच सका।
शाह ने कहा कि उन्होंने और आनंदीबेन ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की संगठनात्मक शाखा में साथ मिलकर काम किया। उन्होंने पार्टी को मजबूत करने में आनंदीबेन के योगदान को याद किया।
गृह मंत्री ने कहा, ‘‘मैं कई बार रात में अकेले में यही सोचता हूं कि भाजपा कितनी बदल गई है और कितना आगे बढ़ गई है। बूथ स्तर पर दस्तावेजीकरण का विचार भाजपा के विकास की प्रेरणा बना।’’
भाषा सुरभि पारुल
पारुल

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