Chhattisgarh Naxalite Surrender News: टूट गई नक्सलियों की कमर!.. CC मेंबर रामदेर ने 12 इनामी माओवादियों के साथ डाले हथियार, इसी साल हुआ था नक्सली का प्रमोशन..

Chhattisgarh Naxalite Surrender News: मध्य प्रदेश के नक्सल विरोधी अभियान को भी बड़ी कामयाबी मिली है। यहाँ नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले में चार महिलाओं समेत दस कट्टर माओवादी कार्यकर्ताओं ने रविवार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।

Chhattisgarh Naxalite Surrender News: टूट गई नक्सलियों की कमर!.. CC मेंबर रामदेर ने 12 इनामी माओवादियों के साथ डाले हथियार, इसी साल हुआ था नक्सली का प्रमोशन..

Chhattisgarh Naxalite Surrender News || IMAGE- IBC24 NEWS fILE

Modified Date: December 8, 2025 / 09:56 am IST
Published Date: December 8, 2025 9:56 am IST
HIGHLIGHTS
  • रामदेर मज्जी सहित 12 नक्सली सरेंडर
  • छह महिला नक्सली भी आत्मसमर्पित
  • खैरागढ़ पुलिस को बड़ी सफलता

Chhattisgarh Naxalite Surrender News: खैरागढ़: अलग-अलग जिले समेत प्रदेशभर में जारी छत्तीसगढ़ सरकार और पुलिस के नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी कामयाबी मिली है। एमएमसी जोन यानी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ बॉर्डर में सक्रिय, माओवादियों के केंद्रीय समिति के सदस्य और मोस्ट वांटेड माओवादी रामदेर ने 12 अन्य नक्सलियों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया है।

जानकारी के मुताबिक़ सभी नक्सली अपने हथियारों के साथ बरकट्टा थाने पहुंचे थे जहां पुलिस अफसरों को अपने हथियार सौंपते हुए उन्होंने समाज के मुख्यधारा में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की। बताया जा रहा है कि, सभी आत्मसमर्पित माओवादियों को सरकार के पुनर्वास नीति के तहत राशि, रोजगार और सुरक्षा प्रदान की जाएगी। सीसी मेंबर रामदेर लम्बे वक़्त से इलाके में सक्रिय था। दूसरे आत्मसमर्पित नक्सली रामदेर को सरेंडर कराने के प्रयास में जुटे हुए थे, जबकि पुलिस ने भी आश्वासन दिया था कि, वे अपने साथियों के साथ जंगलों से बाहर आये। उन्हें पूरी सुरक्षा प्रदान की जाएगी।

बता दें कि, उत्तर बस्तर से नक्सलियों ने पहली बार किसी को सीसी मेंबर ( सेंट्रल कमेटी सदस्य) बनाया था तो वह रामदेर ही था। अपने प्रमोशन से पहले रामदेर DKSZC सदस्य के रूप में उत्तर बस्तर में काम कर रहा था। एक सीनियर पुलिस अफसर ने इसकी पुष्टि की थी।

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MMC Zone Maoist Leaders: बालाघाट में CM के सामने 10 ने डाले हथियार

Chhattisgarh Naxalite Surrender News: इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के नक्सल विरोधी अभियान को भी बड़ी कामयाबी मिली है। यहाँ नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले में चार महिलाओं समेत दस कट्टर माओवादी कार्यकर्ताओं ने रविवार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। भाकपा (माओवादी) महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ (एमएमसी) विशेष क्षेत्र से जुड़े इस समूह पर कुल 2.36 करोड़ रुपये का इनाम था। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की मौजूदगी में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में दो एके-47 और दो इंसास राइफलें सौंप दीं।

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बालाघाट में पत्रकारों को संबोधित करते हुए डॉ. यादव ने कहा, “आज मध्य प्रदेश पुलिस के नक्सल-विरोधी अभियानों की सफलता का एक बड़ा दिन है। हालाँकि डिंडोरी और मंडला ज़िले पहले ही वामपंथी उग्रवाद से मुक्त हो चुके थे, आज की इस बड़ी उपलब्धि के परिणामस्वरूप बालाघाट ज़िला भी बड़े पैमाने पर नक्सलियों से मुक्त हो जाएगा। यह आत्मसमर्पण करो या मारे जाओ के मूल सिद्धांत पर आधारित लक्षित नक्सल-विरोधी अभियानों की सफलता को दर्शाता है और कान्हा राष्ट्रीय उद्यान-टाइगर रिज़र्व और बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान-टाइगर रिज़र्व को नक्सलियों के किसी भी अवशेष से मुक्त कराने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”

Balaghat Naxal Operation Success: इन नक्सलियों ने डाले हथियार

आत्मसमर्पण करने वाले दस कार्यकर्ता एमएमसी ज़ोन के कान्हा-भोरादेव (केबी) डिवीजन के थे, जो ज़ोन के उत्तरी हिस्सों में सक्रिय था, जिसमें मध्य प्रदेश के बालाघाट और मंडला और छत्तीसगढ़ के कबीरधाम शामिल थे। इनमें एमएमसी ज़ोन सचिव और विशेष जोनल कमेटी के सदस्य सुरेंद्र उर्फ ​​कबीर सोडी (50), एससीजेडएम राकेश ओडी उर्फ ​​मनीष, और एरिया कमेटी के सदस्य लालसिंह मरावी, सलिता उर्फ ​​सावित्री, नवीन नुप्पो उर्फ ​​हिडमा, जयशीला उर्फ ​​ललिता ओयम, विक्रम उर्फ ​​हिडमा वट्टी, ज़रीना उर्फ ​​जोगी मुसक और समर उर्फ ​​सोमारू शामिल थे। 26 से 50 वर्ष की आयु के ये कार्यकर्ता छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के रहने वाले थे। दोनों एसजेडसीएम पुलिस मुखबिर होने के संदेह में ग्रामीणों की कई हत्याओं से जुड़े रहे हैं।

राज्य पुलिस के नक्सल-विरोधी प्रतिष्ठान के प्रमुख सूत्रों ने बताया कि इस आत्मसमर्पण के साथ, कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से होकर गुजरने वाला एमएमसी ज़ोन का उत्तरी भाग अब नक्सली गतिविधियों से मुक्त हो गया है। इस घटनाक्रम से मध्य प्रदेश पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के नक्सल-विरोधी शिविरों को दक्षिणी एमएमसी ज़ोन, जिसमें गोंदिया-राजनांदगांव-बालाघाट (जीआरपी) डिवीजन शामिल है, पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलने की उम्मीद है, जहाँ 18 सशस्त्र नक्सली, जिनमें केंद्रीय समिति के सदस्य रामदेर के नेतृत्व वाला 14 सदस्यीय समूह भी शामिल है, अभी भी सक्रिय हैं।

यह आत्मसमर्पण मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ सीमा पर मध्य प्रदेश पुलिस और रामदर के समूह के बीच मुठभेड़ के ठीक एक दिन बाद और एक अन्य कट्टर नक्सली सुनीता के राज्य की विशेष आत्मसमर्पण-सह-पुनर्वास नीति 2023 के तहत आत्मसमर्पण करने वाली पहली कैडर बनने के 36 दिन बाद हुआ है। 2025 में, मध्य प्रदेश पुलिस ने 10 कट्टर नक्सलियों को भी मार गिराया, जिन पर कुल 1.86 करोड़ रुपये का इनाम था।

MP Naxal Anti-Insurgency Drive: एमपी में अब तक सबसे बड़ा सरेंडर

बालाघाट में सामूहिक आत्मसमर्पण मध्य प्रदेश में सशस्त्र नक्सलियों द्वारा किया गया अब तक का सबसे बड़ा आत्मसमर्पण है, जिससे वामपंथी उग्रवाद पर अंकुश लगाने तथा कान्हा और बांधवगढ़ बाघ अभयारण्यों सहित संवेदनशील क्षेत्रों को सुरक्षित करने के राज्य के प्रयासों को काफी बल मिला है।

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