घृणास्पद भाषण विरोधी विधेयक संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए : शिवकुमार
घृणास्पद भाषण विरोधी विधेयक संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए : शिवकुमार
बेलगावी (कर्नाटक), 11 दिसंबर (भाषा) कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि घृणास्पद भाषणों पर अंकुश लगाने वाला विधेयक संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करने और भड़काऊ राजनीतिक बयानबाजी पर रोक लगाने के लिए है।
उन्होंने विधेयक की आलोचना करने के लिए विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर भी निशाना साधा।
राज्य सरकार ने बुधवार को विधानसभा में कर्नाटक घृणास्पद भाषण और घृणा अपराध (रोकथाम) विधेयक पेश किया, जिसमें 10 साल तक की कैद और एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
बेलगावी सर्किट हाउस में शिवकुमार ने पत्रकारों से कहा कि विपक्ष के पास इस विधेयक पर आपत्ति करने का कोई कारण नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर भाजपा घृणास्पद भाषणों से परहेज करे तो सब ठीक हो जाएगा। जाति आधारित, धार्मिक या व्यक्तिगत हमलों के जरिए शत्रुता पैदा करने में वे आगे रहे हैं।’’
शिवकुमार ने तर्क दिया कि विधेयक का उद्देश्य संवैधानिक सिद्धांतों को सुदृढ़ करना है। उन्होंने भाजपा के इस आरोप को एक सिरे से खारिज कर दिया कि इस विधेयक को राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के मकसद से पेश किया जा रहा है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भाजपा को संवैधानिक मूल्यों के अनुसार आचरण करना चाहिए। यह कानून संविधान की रक्षा के लिए बनाया गया है।’’
बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में क्रिकेट मैच आयोजित करने के कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ के अनुरोध के बारे में शिवकुमार ने पुष्टि की कि इस मुद्दे को बृहस्पतिवार की कैबिनेट बैठक में उठाया जाएगा।
यहां चार जून को हुई भगदड़ में 13 लोगों की मौत हो गई थी।
स्टेडियम में हुई भगदड़ को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी घटना कभी नहीं होनी चाहिए थी। कई गलतियां हुई हैं और उन्हें उचित दिशा-निर्देशों के अनुसार सुधारा जाना चाहिए। मेरी बस यही इच्छा है कि कर्नाटक की प्रतिष्ठा धूमिल न हो।’’
भाषा यासिर नरेश
नरेश

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