अरम्बाई टेंगोल का हथियार सौंपना सहानुभूति हासिल करने का एक प्रयास: कुकी-जो संगठन
अरम्बाई टेंगोल का हथियार सौंपना सहानुभूति हासिल करने का एक प्रयास: कुकी-जो संगठन
इंफाल, 28 फरवरी (भाषा) मणिपुर में स्थित दो कुकी-जो संगठनों ‘इंडिजीनियस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ (आईटीएलएफ) और ‘कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी’ (सीओटीयू) ने मेइती समूह अरम्बाई टेंगोल द्वारा लगभग 300 हथियार सुपुर्द किए जाने को ‘मात्र प्रतीकात्मक’ , ‘सार्वजनिक छवि सुधारने’ और ‘सहानुभूति व वैधता’ हासिल करने का एक रणनीतिक प्रयास बताया है।
एक संयुक्त बयान में दोनों संगठनों ने जोर देकर कहा कि अरम्बाई टेंगोल द्वारा लूटे गए 246 हथियारों का समर्पण केवल प्रतीकात्मक है, जो इंफाल घाटी से लूटे गए 6,000 हथियारों का केवल पांच प्रतिशत है।
बयान में कहा गया है, ‘यह कदम खासकर मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला के साथ हुई मुलाकात के मद्देनजर उनकी सार्वजनिक छवि को सुधारने का एक सोचा-समझा प्रयास है। यह सहानुभूति और वैधता हासिल करने की एक रणनीतिक चाल है। राज्यपाल के साथ मुलाकात के ठीक बाद यह कदम उठाने से उनकी असली मंशा पर गंभीर सवाल उठते हैं।’
दोनों संगठनों ने अरम्बाई टेंगोल पर कुकी-जो समुदाय के 230 से अधिक सदस्यों की मौत के लिए जिम्मेदार होने का आरोप लगाते हुए अपने लोगों के लिए एक अलग प्रशासन की मांग दोहराई।
बृहस्पतिवार को समाप्त हुए भल्ला के सात दिन के अल्टीमेटम के अंतिम दिन अरम्बाई टेंगोल के सदस्यों ने प्रथम मणिपुर राइफल्स बटालियन के समक्ष 246 हथियार सौंप दिए थे।
सात दिन की अवधि के दौरान, मुख्य रूप से घाटी के जिलों में लोगों ने 300 से अधिक हथियार सुरक्षा बलों के सुपुर्द किए थे।
भल्ला ने 20 फरवरी को, हिंसा में शामिल समूहों से सुरक्षा बलों से चुराए गए या लूटे गए हथियारों और अवैध रूप से रखे गए अन्य हथियारों को सात दिन में स्वेच्छा से सौंपने का आग्रह किया था। उन्होंने आश्वासन दिया था कि ऐसा करने पर कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
भाषा जोहेब मनीषा
मनीषा

Facebook



