हेमकुंड साहिब के पैदल मार्ग से बर्फ हटाने के लिए सेना का दल मौके पर पहुंचा

हेमकुंड साहिब के पैदल मार्ग से बर्फ हटाने के लिए सेना का दल मौके पर पहुंचा

हेमकुंड साहिब के पैदल मार्ग से बर्फ हटाने के लिए सेना का दल मौके पर पहुंचा
Modified Date: April 9, 2023 / 06:49 pm IST
Published Date: April 9, 2023 6:49 pm IST

गोपेश्वर (उत्तराखंड), नौ अप्रैल (भाषा) बीस मई को शुरू हो रही हेमकुंड साहिब यात्रा के पैदल मार्ग से बर्फ हटाने के मद्देनजर स्थिति का जायजा लेने के लिये भारतीय सेना का एक दल मौके पर पहुंच गया है ।

दल के हवाले से हेमकुंड साहिब गुरूद्वारा प्रबंधन ट्रस्ट ने रविवार को बताया कि हेमकुंड पहुंचने के पैदल मार्ग में कई स्थानों पर दस फुट से ज्यादा बर्फ जमी हुई है जिसे साफ करने के लिए 20 अप्रैल से सेना की टीम काम शुरू कर देगी ।

हर साल श्री हेमकुंड साहिब गुरूद्वारे की यात्रा शुरू होने से पहले गढ़वाल उच्च हिमालय के इस इलाके से बर्फ हटाने के लिए सेना के जवान यहां पहुंचते हैं और कपाट खुलने से पहले पैदल रास्ते को आवागमन के लायक बनाते हैं।

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हेमकुंड साहिब गुरूद्वारा उत्तराखंड के चमोली जिले में समुद्रतल से 15200 फीट की उंचाई पर स्थित विश्व का सबसे उंचा गुरूद्वारा है, जहां हर साल देश—विदेश से लाखों श्रद्धालु मत्था टेकने आते हैं।

ट्रस्ट ने बताया कि भारतीय सेना के दल ने शुक्रवार को हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग और यहां जमी बर्फ का जायजा लिया, उसने हेमकुंड साहिब प्रबंधन को आश्वस्त किया कि 20 अप्रैल से बर्फ कटान तथा गुरूद्वारे तक मार्ग बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।

सेना के दल ने बताया कि हेमकुंड साहिब से पहले अटलाकोटी हिमनद पर 10 फुट के करीब बर्फ जमीं है जबकि हेमकुंड साहिब में भी आठ से 12 फीट तक बर्फ जमी है और साथ ही पवित्र सरोवर भी पूरी तरह से बर्फ से ढका है।

गुरुद्वारा के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि 15 अप्रैल से ट्रस्ट के सेवादार एवं अन्य लोग यात्रा की तैयारियों के आलोक में घांघरिया गुरुद्वारे के लिये रवाना होंगे ताकि समय से सभी व्यवस्था चाक-चौबंद की जाएं और भारतीय सेना के ठहरने तथा उनके लंगर की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा सके।

इस बीच, लोक निर्माण विभाग घांघरिया तक मार्ग को दुरुस्त करने में जुटा है। चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना सभी तैयारियों पर नजर बनाए हुए हैं।

हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंदरजीत सिंह बिंद्रा ने कहा कि प्रशासन के सहयोग से सभी श्रद्धालु निर्विघ्न एवं सुखद यात्रा कर हेमकुंड साहिब के दर्शन कर अपनी मनौतियां पूरी पाएंगे ।

हेमकुंड साहिब सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह की तपस्थली मानी जाती है। हिमाच्छादित पर्वत श्रंखलाओं के मध्य हेमकुंड सरोवर के समीप श्री हेमकुंड गुरुद्वारा और लोकपाल तीर्थ स्थित है। यहां पहुंचने के लिए बदरीनाथ के निकट गोविंद घाट से पुलना गांव तक मोटर मार्ग से तथा उसके आगे लगभग 17 किलोमीटर की दूरी पैदल तय की जाती है ।

भाषा सं दीप्ति दीप्ति रंजन

रंजन


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