सेना ने किया बंकरों,चौकियों के त्वरित निर्माण में थ्री-डी कंक्रीट प्रिंटिंग प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल
सेना ने किया बंकरों,चौकियों के त्वरित निर्माण में थ्री-डी कंक्रीट प्रिंटिंग प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल
गंगटोक, सात दिसंबर (भाषा) भारतीय सेना ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) हैदराबाद के सहयोग से सिक्किम के अग्रिम इलाकों में बंकरों, संतरी चौकियों और सुरक्षात्मक संरचनाओं के त्वरित निर्माण के लिए ‘ऑन-साइट थ्री-डी कंक्रीट प्रिंटिंग’ प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। रक्षा विभाग द्वारा जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई।
बयान में कहा गया कि यह क्षमता पहले ही अन्य अभियानगत क्षेत्रों में अपनी उपयोगिता साबित कर चुकी है और अब सिक्किम के ‘त्रिशक्ति कोर’ ने इसका प्रभावी उपयोग शुरू किया है।
बयान में कहा गया, ‘‘स्वदेशी ‘रोबोटिक थ्री-डी कंक्रीट प्रिंटर’ रोबोटिक आर्म, सर्कुलर मिक्सर, पिस्टन पंप और जनरेटर से लैस है। इसे वाहनों से पहाड़ी इलाकों में तीव्र गति से लाया-ले जाया जा सकता है।’’
बयान में कहा गया है कि थ्री-डी कंक्रीट प्रिंटिंग अनुकूलित डिजाइन, विस्फोट और बैलिस्टिक प्रतिरोध में वृद्धि, अधिक दाब-सहनशीलता, बेहतर गुणवत्ता नियंत्रण, स्थानीय सामग्री के प्रभावी उपयोग और सामरिक रूप से स्वीकार्य समय-सीमा के भीतर तेज निर्माण सहित कई परिचालन लाभ प्रदान करती है।
यह भू-भाग-विशिष्ट डिजाइन और उन्नत छलावरण आवश्यकताओं के भी अनुरूप है।
इसमें कहा गया है कि चुनौतीपूर्ण इलाकों में तेज, टिकाऊ और मिशन-केंद्रित आधारभूत संरचना विकसित करने में सक्षम ‘ऑन-साइट 3डी प्रिंटिंग’ का निरंतर उपयोग सेना की इंजीनियरिंग और परिचालन क्षमता में एक महत्वपूर्ण प्रगति दर्शाता है।
भाषा सिम्मी शोभना
शोभना

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