अरविंदर लवली का इस्तीफा : कांग्रेस की दिल्ली इकाई में गुटबाजी, बाबरिया के खिलाफ गुस्सा |

अरविंदर लवली का इस्तीफा : कांग्रेस की दिल्ली इकाई में गुटबाजी, बाबरिया के खिलाफ गुस्सा

अरविंदर लवली का इस्तीफा : कांग्रेस की दिल्ली इकाई में गुटबाजी, बाबरिया के खिलाफ गुस्सा

:   Modified Date:  April 28, 2024 / 10:53 PM IST, Published Date : April 28, 2024/10:53 pm IST

(फोटो के साथ)

नयी दिल्ली, 28 अप्रैल (भाषा) आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन के विरोध में कांग्रेस की दिल्ली इकाई के प्रमुख अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे ने पार्टी की अंदरूनी कलह को खुलकर सामने ला दिया है।

इसके बाद कांग्रेस नेताओं का एक वर्ग अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के दिल्ली प्रभारी दीपक बाबरिया को हटाने की मांग कर रहा है।

आम आदमी पार्टी ने इसे कांग्रेस का अंदरूनी मामला बताया है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि लवली ने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी है, क्योंकि कोई भी देशभक्त उन लोगों के साथ खड़ा नहीं हो सकता जो देश को विभाजित करने की बात करते हैं। इसने दावा किया कि कांग्रेस को इसके परिणाम भुगतने होंगे।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को शनिवार को भेजे गए अपने इस्तीफे में लवली ने यह भी कहा कि वह अपने आप को ‘‘लाचार’’ महसूस कर रहे थे, क्योंकि दिल्ली इकाई के वरिष्ठ नेताओं द्वारा सर्वसम्मति से लिए गए सभी फैसलों पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के दिल्ली प्रभारी दीपक बाबरिया रोक लगा देते थे।

इस बीच, बाबरिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के मुद्दे पर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति (डीपीसीसी) के सभी नेताओं को विश्वास में लिया गया था और लवली को पार्टी समिति के समक्ष अपने विचार रखने चाहिए थे।

बाबरिया ने कहा कि यह ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ है कि लवली का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब देश में लोकसभा चुनाव हो रहा है, लेकिन इसका कांग्रेस के प्रदर्शन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

बाबरिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने से पहले डीपीसीसी नेताओं और कार्यकर्ताओं को विश्वास में लिया गया था। वह (लवली) सभी समितियों का हिस्सा थे। उन्हें उसी समय अपनी आपत्ति उठानी चाहिए थी। जो कोई भी किसी पार्टी या पद से खुद को दूर करता है, वह ऐसा करने का कारण ढूंढ़ लेता है।’’

उन्होंने लवली की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘पार्टी ने उन पर भरोसा दिखाया और इतना बड़ा पद दिया, लेकिन उन्होंने जो किया वह दुखद है। उनके इस्तीफे से पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा और मुझे विश्वास है कि हम चुनाव में हम अपने हिस्से की दिल्ली की तीनों लोकसभा सीट जीतेंगे।’’

कांग्रेस कार्यकर्ताओं के एक समूह ने रविवार अपराह्न उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मौजपुर मेट्रो स्टेशन के पास कांग्रेस चुनाव कार्यालय के बाहर कन्हैया कुमार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

नवदीप शर्मा नामक एक प्रदर्शनकारी ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा, ‘‘हमें स्थानीय उम्मीदवार चाहिए, बाहरी नहीं चाहिए।’’

वहीं, एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘हमने पहले भी आपत्ति जताई थी, लेकिन हमारी आवाज नहीं सुनी गई। हमें कन्हैया कुमार पसंद नहीं है।’’

कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता लवली के आवास के बाहर एकत्र हुए और एआईसीसी के दिल्ली प्रभारी बाबरिया के खिलाफ नारेबाजी की।

लवली के आवास के बाहर उस समय मामूली झड़प हो गई जब उनके समर्थकों ने कथित तौर पर पूर्व कांग्रेस विधायक आसिफ मोहम्मद खान को धक्का दे दिया, जो लवली के इस्तीफे के बाद वहां पहुंचे थे।

आसिफ मोहम्मद खान ने कहा, ‘‘यह कांग्रेस पार्टी का एक आंतरिक मामला था और लवली को कांग्रेस अध्यक्ष से बात करनी चाहिए थी। वह अपना इस्तीफा मीडिया में जारी कर भाजपा को फायदा पहुंचा रहे हैं।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पूर्वी दिल्ली से अपने उम्मीदवार हर्ष मल्होत्रा को बदलेगी और लवली को पार्टी इस निर्वाचन क्षेत्र से अपना उम्मीदवार घोषित करेगी।

बाद में लवली ने एक संवाददाता सम्मेलन में स्पष्ट किया कि उन्होंने केवल अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है और वह किसी भी राजनीतिक दल में शामिल नहीं हो रहे हैं।

लवली ने अपने इस्तीफे में यह भी कहा कि दो ऐसे लोगों को टिकट दिए गए हैं जो दिल्ली कांग्रेस और पार्टी की नीतियों के लिए पूरी तरह से अजनबी हैं। उन्होंने उत्तर-पूर्वी दिल्ली से कन्हैया कुमार और उत्तर-पश्चिमी दिल्ली से उदित राज की उम्मीदवारी का जिक्र करते हुए यह बात कही।

उन्होंने धनशोधन के आरोपों में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की प्रशंसा करने पर उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार कन्हैया कुमार की आलोचना भी की।

कन्हैया कुमार ने पूरे प्रकरण पर कहा, ‘‘मुझे नहीं पता। मुझे कोई जानकारी नहीं है। मुझे पार्टी से जानकारी एकत्र करने दीजिए और फिर आपको बताऊंगा।’’

इस बीच, भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि लवली ने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर इस्तीफा देने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘लवली ने अपने इस्तीफे के लिए जो कारण बताया वह एक खुला रहस्य है। यह विरोध उस दिन शुरू हुआ था जब कांग्रेस ने (लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों के लिए) टिकट की घोषणा शुरू की।’’

सचदेवा ने कहा, ‘‘कोई भी देशभक्त ऐसे व्यक्ति के साथ खड़ा नहीं होगा जो देश को बांटने की बात करेगा या देश के दुश्मनों के साथ खड़ा होगा। कांग्रेस ने जिस तरह से टिकट बांटे हैं उसे देखते हुए कई लोग बगावत का झंडा बुलंद कर रहे हैं।’’

पार्टी से इस्तीफा देने वाले दिल्ली के पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान ने कहा कि बाबरिया को दिल्ली के एआईसीसी प्रभारी पद से हटाया जाना चाहिए।

चौहान ने कहा, ‘‘लवली ने इस्तीफा दे दिया है। मैंने भी इस्तीफा दे दिया है। दिल्ली प्रभारी ने मुझे एक बैठक से बाहर जाने को कहा। दीपक बाबरिया को दिल्ली से हटाएं और कांग्रेस बचाएं।’’

कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि लवली द्वारा उठाए गए मुद्दों का समाधान किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने उनके इस्तीफे को लेकर चर्चा की है। स्पष्ट रूप से, वह पिछले कुछ महीनों में हुई घटनाओं से दुखी हैं। उन्होंने जो मुद्दे उठाए हैं, उनका समाधान किए जाने की आवश्यकता है।’’

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि यह अपरिहार्य था, क्योंकि जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं ने आप-कांग्रेस गठबंधन को स्वीकार नहीं किया है।

हर्षवर्धन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं गारंटी देता हूं कि चार जून को अपनी हार के बाद इस गठबंधन के नेता फिर से एक-दूसरे को गाली देना शुरू कर देंगे। अरविंदर लवली जी का जाना तो बस शुरुआत है। ऐसे अनेक जमीनी कार्यकर्ताओं की अंतरात्मा अब जागेगी।’’

भाषा रवि कांत नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)