डीयू के दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को उनकी मां के नाम वाली डिग्री प्रदान की गई
डीयू के दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को उनकी मां के नाम वाली डिग्री प्रदान की गई
नयी दिल्ली, 24 फरवरी (भाषा) दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने शनिवार को अपने 100वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में एक लाख से अधिक विद्यार्थियों को विशेष प्रकार के डिग्री प्रमाणपत्र प्रदान किए, जिन पर उनकी मां का नाम लिखा हुआ था।
डीयू के दीक्षांत समारोह में प्रदान किये गये ये प्रमाणपत्र ‘करेंसी जैसी’ सुरक्षा विशेषताओं से लैस हैं।
पारंपरिक भारतीय पोशाक और नए तरीके से डिजाइन किए गए हथकरघा कपड़े के अंगवस्त्र (स्टोल) पहने छात्रों ने विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष में 17 सुरक्षा खूबियों से लैस विशेष डिग्री प्राप्त की।
डीयू के इतिहास विभाग से पीएचडी धारक संदीप शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह मेरे लिए ऐतिहासिक क्षण है। दिल्ली विश्वविद्यालय के 100वें दीक्षांत समारोह में अपनी डिग्री प्राप्त करना एक सपने के सच होने जैसा है। नयी डिग्री में जोड़ी गई सुरक्षा विशेषता विश्वविद्यालय द्वारा उठाया गया एक बहुत अच्छा कदम है। हमें इसकी सुरक्षा के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है।’’
मिरांडा हाउस कॉलेज में संकाय सदस्य भावना बंसल गुप्ता ने कार्यक्रम के दौरान अपनी पीएचडी की डिग्री प्राप्त की।
भावना बंसल गुप्ता ने कहा, ‘‘यह एक विशेष अनुभव है। दिल्ली विश्वविद्यालय ने डिग्री प्रमाणपत्र को सुरक्षित बनाने की जो पहल की है, उससे छात्रों को कई तरह से फायदा होगा।’’
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विश्वविद्यालय के 100वें वार्षिक दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की और कार्यक्रम के दौरान छात्रों को प्रमाणपत्र प्रदान किए।
धनखड़ ने डिग्री प्रमाणपत्रों में किए गए सुरक्षा संबंधी बदलावों की सराहना करते हुए कहा, ‘‘यह एक यादगार समारोह है। छात्रों को दी जाने वाली डिग्री में कई नए अलंकरण होंगे। सबसे प्रभावशाली है, विद्यार्थी की मां का नाम लिखा होना और छात्र की रंगीन तस्वीर।’’
समारोह के दौरान स्नातकोत्तर छात्रों को फिरोजा रंग का स्टोल पहने देखा गया, जिसके दोनों तरफ विश्वविद्यालय का लोगो और शताब्दी समारोह का ‘लोगो’ बना हुआ था।
स्नातक छात्र पीले रंग के स्टोल पहने हुए थे, जबकि पीएचडी, डॉक्टरेट ऑफ मेडिसिन और एमसीएच के विद्यार्थी लाल रंग के स्टोल पहने हुए थे।
विश्वविद्यालय के अधिकारियों के अनुसार, डीयू में इस तरह का विशेष प्रमाणपत्र प्राप्त करने वाला छात्रों का यह पहला बैच है।
भाषा रवि कांत सुभाष
सुभाष

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