कल से शुरू हो रही है बाबा अमरनाथ की यात्रा, जानें रजिस्ट्रेशन के नियम और क्या है महत्व
कल से शुरू हो रहा है बाबा अमरनाथ की यात्रा, जानें रजिस्ट्रेशन के नियम और क्या है महत्व! Baba Amarnath Yatra is starting from 1 july
नई दिल्ली। Baba Amarnath Yatra हिंदू मान्यता के सबसे कठिन यात्रा मे से एक अमरनाथ यात्रा है। जहां लोग दूर-दूर से बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए आते हैं। अगर आप भी बाबा अमरेश्वर का दर्शन करना चाहते हैं तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल, कल यानी 1 जुलाई से बाबा अमरनाथ की यात्रा शुरु हो रही है, जो 31 अगस्त, 2023 तक चलेगी। हर साल बड़ी संख्या में लोग बाबा अमरनाथ के दर्शन करने के लिए आते हैं। आइए जानते बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और इसका क्या महत्व है।
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सबसे पहले करवाना होता है रजिस्ट्रेशन
Baba Amarnath Yatra अमरनाथ यात्रा हर कोई करना चाहता है। इसके लिए सबसे पहले आपको रजिस्ट्रेेशन करवाने की जरूरत होती है। इस बार 17 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन शुरु हो चुका है। इस यात्रा के लिए 13 साल से लेकर 70 साल तक के लोग रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
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अमरनाथ यात्रा 2023 रजिस्ट्रेशन के लिए नियम व शर्त
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अनुसार, अमरनाथ यात्रा करने के लिए श्रद्धालु की आयु 13 से 70 साल के बीच में होनी अनिवार्य है।
6 सप्ताह से अधिक समय वाली गर्भवती महिला यात्रा पर नहीं जा सकती है।
श्री अमरनाथ यात्रा करने से पहले सभी यात्री का ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है।
रजिस्ट्रेशन के बिना दर्शन की अनुमति नहीं है। श्री अमरनाथ यात्रा करने से पहले सभी यात्री का ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है। रजिस्ट्रेशन के बिना दर्शन की अनुमति नहीं है।
अधिक ऊंचाई होने की वजह से आपकी तबियत ख़राब हो सकती है यदि आप स्वस्थ है तो तभी यात्रा पे जाये। और जाने से पहले अपना हेल्थ सर्टिफिकेट बनवा ले।
सरकार द्वारा जारी किया गया एक परमिट फॉर्म केवल एक व्यक्ति के लिए मान्य है।
सभी दस्तावेजों को यात्रा के दौरान अपने साथ ले जाये।
अमरनाथ यात्रा का महत्व क्या है?
बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए अमरनाथ यात्रा प्राचीन काल से की जा रही है। बता दें कि प्राचीन काल में अमरनाथ गुफा को ‘अमरेश्वर‘ कहा जाता था। इसके साथ ही यहां माता पार्वती का शक्तिपीठ भी मौजूद है, जो 51 शक्तिपीठों में से एक है। शास्त्रों के अनुसार इस स्थान पर मां भगवती का कंठ गिरा था। धार्मिक मान्यता है कि पूरी श्रद्धा से किए गए दर्शन से साधक को सुख-समृद्धि मिलती है और मोक्ष प्राप्ति के द्वार खुल जाते हैं।

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