बालासोर रेल हादसा : एनडीआरएफ कर्मी को पानी खून जैसा लगता है, एक अन्य को नहीं लग रही भूख

बालासोर रेल हादसा : एनडीआरएफ कर्मी को पानी खून जैसा लगता है, एक अन्य को नहीं लग रही भूख

बालासोर रेल हादसा : एनडीआरएफ कर्मी को पानी खून जैसा लगता है, एक अन्य को नहीं लग रही भूख
Modified Date: June 6, 2023 / 12:40 pm IST
Published Date: June 6, 2023 12:40 pm IST

नयी दिल्ली, छह जून (भाषा) राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक अतुल करवाल ने मंगलवार को बताया कि ओडिशा के बालासोर में ट्रेन दुर्घटनास्थल पर बचाव अभियान में तैनात बल का एक कर्मी जब भी पानी देखता है तो उसे वह खून की तरह लगता है जबकि एक अन्य बचावकर्मी को भूख लगना बंद हो गयी है।

बालासोर में तीन ट्रेनों के आपस में टकराने के बाद बचाव अभियान के लिए एनडीआरएफ के नौ दलों को तैनात किया गया था। भारत के सबसे भीषण रेल हादसों में से एक इस दुर्घटना में कम से कम 278 लोगों की मौत हो गयी तथा 900 से अधिक लोग घायल हो गए।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, बल ने 44 पीड़ितों को बचाया और घटनास्थल से 121 शव बरामद किए।

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आपदा प्रतिक्रिया के लिए क्षमता निर्माण पर वार्षिक सम्मेलन, 2023 को संबोधित करते हुए करवाल ने कहा, ‘‘मैं बालासोर ट्रेन हादसे के बाद बचाव अभियान में शामिल अपने कर्मियों से मिला… एक कर्मी ने मुझे बताया कि वह जब भी पानी देखता है तो उसे वह खून की तरह लगता है। एक अन्य बचावकर्मी ने बताया कि इस बचाव अभियान के बाद उसे भूख लगना बंद हो गयी है।’’

हाल में दुर्घटनास्थल का दौरा करने वाले एनडीआरएफ के महानिदेशक ने कहा कि बल ने अपने कर्मियों के बचाव एवं राहत अभियान से लौटने पर उनके लिए मनोवैज्ञानिक काउंसेलिंग और मानसिक स्थिरता पाठ्यक्रम शुरू किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘अच्छी मानसिक सेहत के वास्ते ऐसी काउंसेलिंग हमारे उन कर्मियों के लिए करायी जा रही है जो आपदाग्रस्त इलाकों में बचाव एवं राहत अभियानों में शामिल होते हैं।’’

करवाल ने कहा कि पिछले साल से अब तक इस संबंध में कराए विशेष अभ्यास के बाद तकरीबन 18,000 कर्मियों में से 95 प्रतिशत कर्मी ‘फिट’ पाए गए।

भाषा गोला मनीषा

मनीषा


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