केवाईसी के नाम पर बैंक खाताधारकों को बार-बार परेशान किया जा रहा है : तृणमूल सांसद गोखले

केवाईसी के नाम पर बैंक खाताधारकों को बार-बार परेशान किया जा रहा है : तृणमूल सांसद गोखले

केवाईसी के नाम पर बैंक खाताधारकों को बार-बार परेशान किया जा रहा है : तृणमूल सांसद गोखले
Modified Date: March 26, 2025 / 03:22 pm IST
Published Date: March 26, 2025 3:22 pm IST

नयी दिल्ली, 26 मार्च (भाषा) राज्यसभा में बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने आरोप लगाया कि आजकल सार्वजनिक बैंकों में केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) के नाम पर खाताधारकों को बार-बार परेशान किया जा रहा है और यह नहीं देने पर उनके बैंक खातों को ‘फ्रीज’ कर दिया जाता है।

तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले ने बैंककारी विधियां (संशोधन) विधेयक, 2024 पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि सरकार दावा करती है कि जनधन योजना के तहत 54 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गये किंतु इनमें से 11 करोड़ से अधिक बैंक खाते निष्क्रिय पड़े हैं। उन्होंने कहा कि इन 11 करोड़ खातों में 14,000 करोड़ रूपये पड़े हुए हैं।

उन्होंने दावा किया कि ये 14 हजार करोड़ रूपये अधिकतर गरीब लोगों के हैं और उनकी पहुंच बैंकों तक नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि 14 हजार करोड़ रूपये की यह राशि उतनी ही है जितनी पश्चिम बंगाल का सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत केंद्र सरकार पर बकाया है।

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गोखले ने कहा, ‘‘यह मोदी सरकार का कुत्सित हथकंडा है कि वह लोगों को उनके पैसों से और पश्चिम बंगाल राज्य को उसके जायज कोष से वंचित रख रही है।’’

उन्होंने कहा कि आज बैंक खातों को आधार कार्ड और पैन कार्ड से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि बैंकों में मध्यम वर्ग के लोगों को परेशान किया जा रहा है, उनसे हर तीन महीने के बाद केवाईसी करवाने के लिए कहा जा रहा है।

तृणमूल सदस्य ने कहा कि लोग अपने कामों में व्यस्त रहते हैं और यदि वे केवाईसी कराने नहीं जा पाते तो उनके खाते को फ्रीज कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि खाता फ्रीज होना ग्राहक के लिए किसी बुरे सपने की तरह है और उसे अपने खाते को फिर से चालू करवाने के लिए बार-बार बैंक शाखा के चक्कर लगाने पड़ते हैं।

उन्होंने कहा कि हर दो महीने के बाद केवाईसी की क्या जरूरत है जबकि सरकार के पास सारे आंकड़े हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जब इन आंकड़ों का अच्छी तरह उपयोग करना जानती है, चुनाव से पहले विकसित भारत के संदेश सभी के पास मोबाइल पर पहुंच जाते हैं तो फिर बार-बार केवाईसी की क्या आवश्यकता है?

गोखले ने कहा कि आज बैंकों में जमा राशि घट रही है और ऋण बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में संकट के कारण लोगों को ऋण लेने या सोने को गिरवी रखकर कर्ज लेने के लिए विवश होना पड़ रहा है।

तृणमूल सदस्य ने कहा कि लोगों का 33 प्रतिशत वेतन ऋण की किस्त चुकाने में जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज कार्पोरेट कर्ज नहीं ले रहे हैं, आम आदमी, छोटे किसान, मध्यम एवं लघु उद्योग इकाइयां ऋण ले रही हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने टेलीविजन पर लोगों से कहा था कि शेयर बाजार में निवेश करो क्योंकि बाजार चढ़ेगा। उन्होंने कहा कि आम आदमी ने कर्ज लेकर शेयरों में निवेश किया और आज उसकी किस्त चुकाते-चुकाते उनकी सारी जमा-पूंजी साफ हो चुकी है।

गोखले ने कहा कि आज नकदी का संकट है और बैंकों से जमा बढ़ाने को कहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि बैंकों के लिए ऋण एक संपत्ति और जमा खाते एक दायित्व होते हैं।

भाषा

माधव वैभव

वैभव


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