हैदराबाद, 21 मई (भाषा) तेलंगाना के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में बुधवार को सुरक्षा बलों की कार्रवाई में भाकपा-माओवादी के महासचिव एवं शीर्ष नेता नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू का मारा जाना इस प्रतिबंधित संगठन के लिए एक बड़ा झटका है।
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की अतिवांछित सूची में शामिल बसवराजू छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए 27 खूंखार नक्सलियों में शामिल था।
तेलंगाना पुलिस के अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह सरकार और सुरक्षा बलों के लिए बड़ी सफलता है, क्योंकि सुरक्षा बलों ने एक शीर्ष माओवादी नेता को मार गिराया है। निश्चित रूप से यह माओवादियों के लिए बड़ा झटका होगा और उनका मनोबल तोड़ने वाला होगा।’’
उन्होंने कहा कि माओवादियों का मनोबल पहले ही टूट चुका है। यही कारण है कि सैकड़ों माओवादी कार्यकर्ताओं ने तेलंगाना पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है और कई को गिरफ्तार भी किया गया है।
आंध्र प्रदेश के मूल निवासी बसवराजू ने वारंगल के ‘रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज’ से बीटेक किया था। वह 1970 के दशक से प्रतिबंधित आंदोलन से जुड़ा था और सात साल पहले उसे भाकपा (माओवादी) में शीर्ष पद पर पदोन्नत किया गया था।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बसवराजू पर आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में चरमपंथी अपराधों की साजिश रचने के कई मामले चल रहे थे।
पुलिस महानिदेशक स्तर के एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने कहा कि हो सकता है कि मारा गया माओवादी (बसवराजू) सितंबर 2018 में आंध्र प्रदेश के अराकू निर्वाचन क्षेत्र के तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) विधायक किदारी सर्वेश्वर राव की हत्या की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में शामिल रहा हो।
भाषा राजकुमार पवनेश
पवनेश
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