कोलकाता, तीन दिसंबर (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ द्वारा 2014 की शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के माध्यम से भर्ती किए गए 32000 प्राथमिक विद्यालय शिक्षकों की नियुक्तियों को रद्द करने के एकल पीठ के आदेश को खारिज करने के बाद बुधवार को शिक्षकों ने एक-दूसरे को गुलाल लगाया और मिठाइयां बांटीं।
अदालत के फैसले के बाद खुशी मना रहे शिक्षक भानुगोपाल दास ने कहा कि इस फैसले से उन्हें काफी राहत मिली है।
उन्होंने आंसू पोंछते हुए कहा, ‘‘हमें खुशी है कि अदालत ने यह समझा कि हमें लिखित परीक्षा और साक्षात्कार उत्तीर्ण करने के बाद योग्यता के आधार पर नौकरी मिली है। एक प्राथमिक विद्यालय में नौ साल काम करने के बाद, हमारा भविष्य अचानक अंधकार में पड़ गया। हम न्यायपालिका का शुक्रिया अदा करते हैं कि उसने यह एहसास दिलाया कि हम दागी नहीं थे।’’
एक अन्य शिक्षिका ने अपना नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि उनका कोई राजनीतिक जुड़ाव नहीं है और 12 मई, 2023 को एकल पीठ द्वारा नियुक्तियों को अमान्य करार दिए जाने से उन्हें तगड़ा झटका लगा था।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी दो बेटियां हैं। उच्च न्यायालय का आदेश मेरे लिए बड़ी राहत लेकर आया है।’’
शिक्षिका बबीता बिस्वास ने कहा, ‘‘हमारे सम्मान और गरिमा को ठेस पहुंची। हम एक राजनीतिक षड्यंत्र के शिकार हुए थे। आशा है कि मीडिया न्यायालय के आज के आदेश और न्यायाधीशों की टिप्पणियों को सकारात्मक रूप से प्रस्तुत करेगा।’’
भाषा शफीक प्रशांत
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